भोपाल– रानी पद्मावती सिनेमा को लेकर पूरे भारत में हंगामा मच गया है .निसंदेह रानी भारत की अस्मिता ,वीरता एवं मूल्यों की तस्वीर हैं .इस हंगामें में उज्जैन के सांसद चिंतामणि मालवीय भी कूद पड़े और उनके इस सिनेमा के विरोध हिंदुत्व की रक्षा एवंम अन्य बयान सामने आने लगे.सांसद जी ने सिनेमा न देखने की कसम भी खा ली और हमारे संवाददाता के इस प्रश्न पर की जब आपने सिनेमा देखी नहीं तब उसमें क्या गलत है क्या सही आपने तय कैसे किया? रानी पद्मावती के सम्बन्ध में आपकी क्या जानकारी है ? इलेक्ट्रानिक मीडिया के कैमरों के सामने बयान देते समय सांसद जी ने अपना रटा-रटाया बयान ख़ूब गर्मजोशी से कहा लेकिन कलम के सामने आते ही वे सवालों को सुन दूर भागने लगे,
चिंतामन मालवीय इलेक्ट्रानिक मीडिया के बुलावे पर भाजपा मुख्यालय आये और वहां उन्होंने सिनेमा को लेकर अपना बयान दिया लेकिन जैसे ही हमने पुछा कि क्या आपने फिल्म देखी या आपको उसकी जानकारी कैसे मिली जिससे पुष्टि होती हो कि फिल्म रानी पद्मावती के मान हनन के लिए बनायी गयी है वे हमसे यह पूछने लगे की आप किस संस्ठान से हो हम बाद में बात करेंगे और अपने समर्थकों के साथ वहां से निकल गए.प्रदेश संगठन महामंत्री सुहास भगत भी कार्यालय में मौजूद थे लेकिन प्रचार पाने के फेर में सांसद जी मीडिया से मिल वापस चले गए.
सांसद जैसा गरिमामय पद और उसके द्वारा दिया बयान जनमानस पर असर डालता है एवं उस बयान को सत्य भी माना जाता है लेकिन सिर्फ प्रचार पाने के चक्कर में बयान देना सांसद पद की गरिमा से खिलवाड़ है .जब हमने पुछा कि क्या आपने इस फिल्म पर प्रतिबन्ध लगाने के लिए पत्र लिखा तो वे चुप रहे फिल्म चलने भी देंगे,देखेंगे भी नहीं और विरोध भी करेंगे की तर्ज पर कार्य कर रहे हैं महाकाल की नगरी के सांसद महोदय.
सांसद चिंतामन जी को जहाँ रानी पद्मावती के मान की चिंता सता रही है वहीँ वे उज्जैन में अपनी एक कार्यकर्ता के मान को बढाने को लेकर भी चर्चा में हैं .