(सीहोर)- भोपाल से 45 किलोमीटर रोड दूर सीहोर में स्थित है लगभग 400 वर्ष पुरानी गणेश जी की प्रतिमा.प्रतिमा में गणेश जी का मुख स्थापित है एवं विगत वर्षों से इस स्थान का प्रचार-प्रसार होने एवं आवागमन के साधनों के सुगम होने से यहाँ भक्तों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है. मंदिर में श्रद्धालू औलाद प्राप्ति,विवाह की कामना आदि से मन्नत मांगने आते हैं एवं स्वस्तिक का उलटा प्रतीक बनाते हैं.मन्नत पूर्ण होने पर सीधा स्वस्तिक चिन्ह बना अपनी श्रद्धा प्रदर्शित करते हैं.
गणेश चतुर्थी अवसर पर लगा है मेला,प्रशासन चुस्त-दुरुस्त
गणेश चतुर्थी के अवसर पर भक्तों का हुजूम उमड़ रहा है.प्रशासन ने जल ,विद्युत् ,साफ़ सफाई एवं चिकित्सा की समुचित व्यवस्था की है.उप जिला अधिकारी राजकुमार खत्री हमें मौके पर मुस्तैद अपने सहोगियों के साथ मिले एवं उन्होंने वहां की व्यवस्था के सम्बन्ध में बताया.पोलिथीन मुक्त मंदिर क्षेत्र में दुकानदारों का सहयोग सराहनीय मिला वे कागज़ के थैलों का उपयोग करते नजर आये.
जगह-जगह प्रशासन ने कूडादानों की व्यवस्था कर रखी है इस वजह से मेला प्रांगण कचरा मुक्त नजर आ रहा था.
भंडारा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों से शोभायमान है मेला
राजकुमार खत्री जी ने हमें बताया की भोपाल से आये एक भक्त प्रतिवर्ष चतुर्थी के बुधवार को भंडारे का आयोजन करते हैं उस समय भंडारा चल रहा था.रोज शाम सांस्कृतिक कार्यक्रमों से गणेश जी की आराधना होती है तथा भक्तों में भक्तिभाव हिलोरें मारने लगता है.भजन संध्या,शहनाई वादन एवं अन्य कार्यक्रमों से भक्ति क्षेत्र प्रतिदिन गुंजायमान रहता है.
ग्राम-कोटवार दे रहे हैं मेले में सेवा
प्रशासन ने पुलिस व्यवस्था के अलावा लगभग 40 ग्राम-कोटवारों की डयूटी इस मेले में लगा राखी है.8 घंटे के अंतर पर ये कोटवार यहाँ अपनी सेवा देते हैं.जब अधिकारीयों से पुछा गया की इस दौरान गांवों में क्या कोटवार नहीं होने से अव्यवस्था नहीं होगी तो वे निरुत्तर रहे एवं तर्क दिया की सिंहस्थ में भी यह कार्य हुआ था.कोटवारों से बात करने पर उन्होंने ख़ुशी जताई की कम से कम ड्यूटी के साथ गणेश जी महाराज की सेवा का अवसर प्राप्त हो रहा है.