(खुसुर -फुसुर )-मप्र में भाजपा ने पदाधिकारियों की नियुक्ति में जो गुट-बाजी दिखाई उसका असर अब सामने आने लगा है.इन प्रवक्ताओं में दोनों सांसद अनुभवी हैं लेकिन अन्य प्रवक्ता अभी अपनी राजनैतिक जमीन तलाश रहे हैं .इस वजह से इन्हें मिली जिम्मेदारी को ये भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं.खबर यह है की अभी तक ये तय नहीं कर पाए हैं की प्रवक्ता कक्ष में रखी एक कुर्सी पर कब कौन बैठेगा एवं मीडिया को बयान देगा.भोपाल शहर के बाहर के प्रवक्ता चाहते भी हैं की दिन तय हो जाएँ एवं यदि कोई आने की स्थिति में न हो तो दूसरा प्रवक्ता उसकी जगह ले.
लेकिन राजनैतिक स्पर्धा के चलते कसमसाहट सामने आने लगी हैं.हुआ यह की एक दिन एक युवा प्रवक्ता कुर्सी पर थे तभी दुसरे युवा तुर्क वहां कार्यालय में आ गए एवं कक्ष में स्थान ग्रहण करने की जगह प्लास्टिक की कुर्सी खींच मौजूद प्रवक्ता के समक्ष बैठ गए.यह हरकत कहीं और हुई होती तब लोग ध्यान नहीं देते लेकिन वह कक्ष पत्रकारों से भरा रहता है और खुसुर-फुसुर शुरू हो गयी.इनमें से एक प्रवक्ता वही हैं जिनके चन्द समर्थकों ने भाजपा कार्यालय की हरियाली को भी पोस्टरों से आहत कर दिया था.