(खुसुर-फुसुर)– मप्र विधानसभा के मानसून सत्र का घेराव करने के लिए भारतीय किसान संघ की मप्र इकाई कमर कस चुकी थी ,घबराई सरकार ने तुरत-फुरत वादों की पोटली थमा कर उन्हें आन्दोलन करने से तो रोक लिया लेकिन संघ के पदाधिकारी अब अपने आप को कोस रहे हैं ,उन्हें अब समझ आया की वे ठगा गए .
किसान संघ के पूर्व नेता “कक्का जी” को नेस्तनाबूत करने के बाद सत्ता ने आरएसएस की किसानों के लिए इस महत्वपूर्ण संगठन को पंगु कर दिया है .किसानों में विश्वास खोती इस अनुषांगिक इकाई के पदाधिकारी अब चिंता में हैं,यदि किसानों का भरोसा इस इस संगठन से हट गया तो वह भाजपा के लिए भी भारी पड़ेगा.