सीबीआई ने माइक्रोमैक्स मोबाइल फोन कंपनी के दो मालिकों को दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अधिकारियों को रंगे हाथ तीस लाख रुपये रिश्वत देते हुए गिरफ्तार किया है। वे एक बैंक्वेट हॉल के निर्माण को नियमित करने के लिए रिश्वत दे रहे थे। सीबीआई ने निगम के तीन और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के भी एक अधिकारी भी गिरफ्तार किया है।
रिश्वतखोरी के इस मामले में शामिल अन्य अधिकारियों की धरपकड़ के लिए जांच एजेंसी छापेमारी कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, राजेश अग्रवाल व मनीष तुली माइक्रोमैक्स इंफारमेटिक्स, गुड़गांव के मालिक हैं। ये वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र में बैंक्वेट हॉल बनाना चाहते थे।
बैंक्वेट हॉल को नियमित करने के लिए उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सिविल लाइन जोन के भवन विभाग के अभियंताओं ने 50 लाख रुपये रिश्वत की थी। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच 30 लाख रुपये में सौदा तय हुआ।
उत्तरी दिल्ली नगर निगम के सिविल लाइन जोन के अधीक्षण अभियंता राजेश वाधवा के कहने पर निगम के अधिकारियों ने दोनों उद्योगपतियों को पैसे देने के लिए पीतमपुरा बुलाया। बताया जा रहा है कि छापेमारी में एक कनिष्ठ अभियंता के घर से 40 लाख रुपये बरामद हुए हैं।