अनेक अभिनव योजनाएँ प्रारंभ होने से रोगियों को मिली सुविधा, मुख्य सचिव ने किया रिव्यू
प्रदेश में गत वर्ष स्वास्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन पर वर्ष 2011-12 की तुलना में 800 करोड़ से अधिक राशि व्यय की गई। सरदार वल्लभ भाई पटेल दवा वितरण योजना, निःशुल्क पैथोलॉजिकल जाँच, अस्पतालों की व्यवस्थाओं में सुधार, रोगियों को पौष्टिक भोजन और संजीवनी 108 एम्बुलेंस के प्रदेशव्यापी विस्तार के कारण वित्त वर्ष 2012-13 में 3702 करोड़ की राशि व्यय की गई। पूर्व वित्त वर्ष में 2889 करोड़ की राशि व्यय की गई थी। यह जानकारी आज यहाँ मंत्रालय में मुख्य सचिव श्री आर. परशुराम की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में दी गई । मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा 95 प्रतिशत वित्तीय उपलब्धियाँ प्राप्त करने के लिए प्रमुख सचिव और उनकी टीम को बधाई दी।
बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में अभिनव योजनाएँ शुरू हुई हैं जिनका लाभ लोगों को मिल रहा है। मुख्य सचिव ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों और चिकित्सकों की परिश्रमी कार्य शैली से अस्पतालों की व्यवस्थाओं में काफी सुधार आया है। योजनाएँ जनोन्मुखी हुई हैं। राजधानी के जिला अस्पताल (जे.पी. अस्पताल) सहित ग्राम आरोग्य केंद्र तक रोगियों को अधिक सुविधाएँ प्राप्त हो रही हैं। अब अस्पतालों के प्रबंधन पर भी अधिक ध्यान दिया जाए। मुख्य सचिव ने कहा कि पोषण पुनर्वास केंद्रों की भूमिका महत्वपूर्ण है। इसके लिए कम्युनिटी आधारित रणनीति बनाना जरूरी है। बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश में 303 पुनर्वास पोषण केंद्र काम कर रहे हैं। इस क्षेत्र में 96 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की गई है। प्रदेश में संस्थागत प्रसव एवं स्वास्थ्य विभाग की अन्य योजनाओं में भी 90 से 100 फीसदी उपलब्धि प्राप्त की गई है ।
मुख्य सचिव ने चिकित्सालयों में न्यूनतम सेवा मानकों के क्रियान्वयन, शिशुओं की जीवन रक्षा, टीकाकरण, परिवार कल्याण, आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका, विभाग के कार्यों के लिए प्रदाय की गई सिम के उपयोग, ग्राम स्वास्थ्य समितियों की भूमिका पर विस्तार से जानकारी प्राप्त की। मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य विभाग में सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा कार्यक्रमों के बेहतर अमल के लिए दी जा रही एस.एम.एस सेवा का उपयोग करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की बीते वित्त वर्ष की उपलब्धियों और भावी योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री प्रवीर कृष्ण ने बताया कि प्रदेश में ममता, आस्था और कायाकल्प अभियान के क्रियान्वयन से जनता को और अच्छी स्वास्थ्य सेवाएँ मिलेंगी। प्रदेश में 5310 सेक्टर, 49 हजार 970 ग्राम आरोग्य केंद्र और 46 हजार 286 स्वास्थ्य समितियाँ सक्रियतापूर्वक कार्य कर रही हैं। मानव संसाधन के सार्थक उपयोग के लिए सभी 50 जिलों की कार्ययोजना तैयार की गई है। अस्पतालों में डीडीडी (दवा, भोजन और जाँच) पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
50 जिलों का भ्रमण कार्यक्रम 1 मई से
मुख्य सचिव के निर्देशों के अनुरूप कार्यक्रमों के क्रियान्वयन, अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र के प्रबंधन को और सुदृढ़ करने के लिए विस्तृत रूप रेखा तैयार की गई है। इसके अंतर्गत सभी 50 जिलों में अधिकारी दल भ्रमण कर स्वास्थ्य योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रक्रियाओं का जायजा लेगा। प्रत्येक जिले के लिए एक प्रभारी अधिकारी द्वारा 24 से 30 मई के मध्य समीक्षा की जाएगी। इसके पूर्व जिलों में मई माह में राज्य स्तरीय दल द्वारा योजनाओं के आकलन की कार्यवाही संपादित की जाएगी।
बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त श्री अजय नाथ, प्रमुख सचिव योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी श्री एस.आर. मोहंती, आयुक्त स्वास्थ्य श्री पंकज अग्रवाल और एन.आर.एच.एम संचालक सुश्री एम. गीता भी उपस्थित थीं।