पृथक तेलंगाना राज्य के गठन की संभावना शुक्रवार रात उस वक्त काफी प्रबल हो गईं जब कांग्रेस नेतृत्व ने इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की। पार्टी के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि आंध्र प्रदेश में 31 जुलाई को हो रहे स्थानीय निकायों के चुनाव के बाद इस संदर्भ में फैसला किया जा सकता है। इस पर आखिरी निर्णय लेने की जिम्मेदारी अगस्त के पहले सप्ताह में हो रही कांग्रेस कार्य समिति की बैठक पर छोड़ दी गई है।
सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस कोर ग्रुप की करीब दो घंटे चली बैठक के बाद इस आशय का संकेत आया। इस बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और दूसरे वरिष्ठ नेता मौजूद थे। कोर ग्रुप की बैठक के बाद कांग्रेस के आंध्र प्रदेश मामलों के प्रभारी दिग्विजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि विचार-विमर्श की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अब पार्टी और साथ ही संप्रग सरकार के फैसले की प्रतीक्षा है।
कोर ग्रुप की इस बैठक में ए के एंटनी, पी चिदम्बरम, सुशील कुमार शिंदे और गुलाम नबी आजाद ने भी हिस्सा लिया। इससे पहले सिंह ने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री किरन कुमार रेड्डी सहित राज्य के विभिन्न नेताओं से करीब तीन घंटे तक चर्चा की। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री, राज्य के कांग्रेस अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री ने अलग अलग बैठकों में सिंह को विस्तार से जानकारी दी।
इसके बाद सिंह ने कहा कि विचार-विमर्श की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और फैसला करने का वक्त आ गया है हम आपको फैसले के बारे में बता देंगे। आंध्र प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बोत्सा सत्यनारायण और उप-मुख्यमंत्री दामोदर राजनरसिम्हा उन नेताओं में शामिल थे, जिनसे आज दिग्विजय ने कांग्रेस के वार रूम में मुलाकात की।
तेलंगाना समर्थक और तेलंगाना विरोधी नेता अभी दिल्ली में जुटे हुए हैं ताकि केंद्रीय नेतृत्व पर दबाव बना सकें। सूत्रों ने कहा कि अलग-अलग मुलाकातों में मुख्यमंत्री, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और उप-मुख्यमंत्री ने दिग्विजय सिंह के सामने अपनी-अपनी बातें रखीं। हाल ही में दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को इस मुद्दे पर एक रिपोर्ट सौंपी थी।
कांग्रेस कोर ग्रुप ने इस महीने की शुरूआत में तेलंगाना मुद्दे पर चर्चा की थी और आखिरी फैसले के लिए मामला कांग्रेस कार्यसमिति पर छोड़ने का फैसला किया था। पार्टी द्वारा अलग तेलंगाना के पक्ष में फैसला लिए जाने की अटकलों के बीच गैर-तेलंगाना क्षेत्र से सत्ताधारी कांग्रेस के एक विधायक और वाईएसआर कांग्रेस के दो विधायकों ने कल हैदराबाद में कहा था कि एकीकृत आंध्र प्रदेश के मुद्दे पर समर्थन में उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।