शाहजहांपुर- उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर स्थित जिला कारागार में बलात्कार के आरोप में जेल में बंद स्वयंभू संत आसाराम के समर्थन में एक कार्यक्रम कर उनका महिमामंडन करने का मामला सामने आया है. जेल में यह आयोजन आसाराम के अनुयायियों ने लखनऊ से आकर किया. कार्यक्रम के दौरान कैदियों को कथित तौर पर कंबल तथा ऋषि प्रसाद पत्रिका का भी वितरण किया गया.
आसाराम के खिलाफ बलात्कार के आरोप में केस दर्ज कराने वाली नाबालिग लड़की के पिता ने इसको लेकर नाराजगी जताते हुए इस मामले की जांच की मांग की.
पीड़िता के पिता ने फोन पर से कहा, ‘सोमवार (21 दिसंबर) को जेल में आसाराम के खास समर्थक लखनऊ से आए और उन्होंने जेल के अंदर सत्संग करते हुए कंबल तथा पांच-पांच ऋषि प्रसाद पत्रिका का वितरण किया एवं सत्संग करके एक अपराधी का महिमामंडन भी किया गया.’
उन्होंने कहा, ‘आसाराम के लोग आसाराम की खराब हुई छवि को सुधारने के लिए ढोंग करने से बाज नहीं आ रहे हैं, इसीलिए इस तरह का अनर्गल कार्य कर रहे हैं.’
उन्होंने इस पूरे मामले के जांच की मांग की है.
मामला सामने आने के बाद जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने फोन पर बताया कि जेल में 75 कैदियों को कंबल बांटे गए हैं, क्योंकि आसाराम के अनुयायी अर्जुन तथा नारायण पांडे जब यहां जेल में बंद थे, तब नारायण पांडे को पक्षाघात हुआ था और उसके आधे शरीर ने काम करना बंद कर दिया था.
कुमार ने बताया, ‘जेल प्रशासन ने उसका इलाज कराया और जब वह यहां से जमानत पर छूटा, तब उसने कैदियों को कंबल बंटवाने को कहा था.’
बीते मंगलवार को कुमार ने बताया था कि इसी क्रम में अर्जुन तथा नारायण पांडे ने एक संदेश भिजवाया और बाद में 75 कंबल भेजे, जो कैदियों में बांटे गए हैं. उन्होंने सत्संग तथा आसाराम के महिमामंडन की बात निराधार बताई.
अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) रामसेवक द्विवेदी ने बताया था, ‘मामला उनके संज्ञान में नहीं है और यदि ऐसा हुआ है तो मामले की जांच कराकर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी.’
बहरहाल बीते बुधवार को उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस जनरल (जेल) शरद कुलश्रेष्ठ ने इस मामले की जांज के आदेश दे दिए हैं. समाचार एजेंसी पीटीआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि जांच बरेली जोन के डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल द्वारा की जाएगी.
शाहजहांपुर के जिला मजिस्ट्रेट इंद्र विक्रम सिंह ने कहा कि मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर जेल प्रशासन को नोटिस जारी किया गया है. उनका जवाब आने के बाद कार्रवाई की जाएगी.
ग़ौरतलब है कि शाहजहांपुर की एक नाबालिग छात्रा, जो आसाराम के जोधपुर के नजदीक स्थित आश्रम में पढ़ती थी, ने आसाराम पर उसके साथ बलात्कार का आरोप में मामला दर्ज कराया था.
पीड़िता ने आसाराम पर उसे जोधपुर के नजदीक मनाई इलाके में स्थित आश्रम में बुलाने और 15 अगस्त 2013 की रात उसके साथ बलात्कार करने का आरोप लगाया था. उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली पीड़िता मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा स्थित आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रही थी.
इसके बाद आसाराम फरार हो गए थे, जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 को उन्हें गिरफ्तार किया था. आसाराम को इंदौर से गिरफ्तार कर एक सितंबर 2013 को जोधपुर लाया गया था.
मामले में 2013 में आसाराम को जेल भेज दिया गया तथा अप्रैल 2018 में उन्हें अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. तब से आसाराम जेल में ही बंद हैं.
आसाराम प्रकरण में एक प्रमुख गवाह कृपाल सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, उसी मामले में शाहजहांपुर जिला कारागार में अर्जुन और नारायण बंद थे, जिन्हें कुछ समय पूर्व जमानत मिल गई थी.