अमेरिका में पीएम मोदी का ज़ोरदार स्वागत हो रहा है लेकिन इस बीच मोदी की इस यात्रा के विरोध के सुर भी सुनाई दे रहे हैं.
एमनेस्टी इंटरनेशनल यूएसए ने एक बयान जारी कर कहा है कि इस यात्रा के दौरान अमेरिका और भारत को दोनों देशों में मानवाधिकार मामलों की ख़राब हालत पर बात करनी चाहिए.
संगठन ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन में भारत में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों में वृद्धि हुई है. इसमें धार्मिक अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ हिंसा भी शामिल हैं.
बीते कुछ सप्ताह से देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में जारी हिंसा का असर भी मोदी की यात्रा के दौरान दिख सकता है.
अमेरिका में भारतीय मूल के कुकी और मैतेई प्रवासियों ने मणिपुर हिंसा के ख़िलाफ़ मोदी का विरोध करने का फ़ैसला किया है.
अख़बार डेक्कन हेराल्ड के अनुसार, एसोसिएशन ऑफ़ मैतेई इन अमेरिकाज़ (एएमए) ने कहा है कि वो व्हाइट हाउस के पास लफ़ायेत पार्क में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करेंगे.
कोलिशन फ़ॉर रीक्लेमिंग इंडियन डेमोक्रेसी (सीआरआईडी) ने स्टेट डिनर और अमेरिकी संसद के संयुक्त सदन में भाषण का मौक़ा देकर पीएम मोदी को वैधता प्रधान करने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन के ख़िलाफ प्रदर्शन का ऐलान किया है.
सीआरआईडी अमेरिका में रह रहे हिंदू, मुस्लिम, इसाई, दलित आदि समूहों का एक नागरिक संगठन है.
सीआरआईडी ने एक बयान जारी कर कहा, “हम मोदी के मानवाधिकार रिकॉर्ड, धार्मिक आज़ादी, लोकतांत्रिक गिरावट और नागिरक समाज, आलोचकों और प्रेस के ख़िलाफ़ उत्पीड़न की ओर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं.”
इस विरोध प्रदर्शन को कोलिशन फ़ॉर रीक्लेमिंग इंडियन डेमोक्रेसी ‘सेव इंडिया फ़्रॉम हिंदू सुप्रिमेसी’ के नाम से आयोजित कर रहा है.
अमेरिकी मीडिया में कई लेख ऐसे प्रकाशित हुए हैं जिनमें मोदी के नेतृत्व में भारत में लोकतंत्रिक संस्थानों की स्वतंत्रता में आई कमी का ज़िक्र किया गया है.
वॉशिंगटन पोस्ट ने लिखा है कि मोदी का अमेरिका दौरा बाइडन के लोकतंत्र बनाम तानाशाही के नारे की एक तरह से परीक्षा है.
अख़बार लिखता है कि मानवाधिकार संगठन मोदी की अगुवाई में भारत में हिंदू राष्ट्रवाद को बढ़ावा और लोकतांत्रिक संस्थाओं के पतन पर चिंता ज़ाहिर करते रहे हैं.
अख़बार ने लिखा है कि मोदी के मुख्यमंत्री रहते गुजरात में हुए भयावह धार्मिक दंगे के बाद अमेरिका ने 2005 में उनको वीज़ा देने से इनकार कर दिया था.
अपने इस दौरे में मोदी अमेरिका में राष्ट्रपति बाइडन के अलावा कई और नेताओं और वहां बसे भारतीय लोगों के अलावा कई व्यापारियों से भी मुलाक़ात करेंगे.