नई दिल्ली। रुपये में जारी गिरावट से परेशान वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि इस गिरावट से घबराने की जरूरत नहीं है। हालांकि उन्होंने इसको चिंताजनक तो बताया ही साथ ही कहा कि जल्द ही सरकार इसके सुधार के लिए व्यापक कदम भी उठाएगी। गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों में रुपया अपने सबसे निचले स्तर पर आ गया है, जिससे बाजार में बेचैनी छाई है। गुरुवार को भी इसमें गिरावट दर्ज की गई और यह 31 पैसे गिरकर 58.10 पर खुला।
अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं, हालांकि अभी भी कुछ कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकार के कदमों से वित्तीय घाटे और महंगाई में गिरावट आई है। साथ ही रेटिंग एजेंसी फिच ने भी वित्तीय घाटा कम करने के कदमों पर भारत का आउटलुक बढ़ाया है। विदेशी निवेशकों का भी भारत पर भरोसा कायम है। चिदंबरम ने कहा कि सरकार पांच वर्ष केलिए बैंकों को पंद्रह से बीस हजार करोड़ रुपये देगी।
वित्त मंत्री के मुताबिक अमेरिकी बाजार में बांडों में निवेश पर ज्यादा रिटर्न मिलने की वजह से विदेशी संस्थागत निवेश भारतीय बांड बाजार से धनराशि निकाल रहे हैं। अमेरिकी बाजार में दस साल की अवधि वाले बांडों में निवेश पर मिलने वाले रिटर्न में 66 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि हुई है। जबकि इसी अवधि वाले भारतीय बांड में रिटर्न की दर में 93 बेसिस प्वाइंट की कमी हुई है। इसलिए निवेशक यहां से पैसा निकाल रहे हैं। बावजूद इसके वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय बांड बाजार दनिया के अन्य मुल्कों के मुकाबले ज्यादा आकर्षक बना हुआ है।
रुपये की कीमत में कमी की वजह बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि जिन देशों में चालू खाते का घाटा यानी विदेशी मुद्रा की आवक और निकासी का अंतर अधिक है, वहां की मुद्रा डालर के मुकाबले कमजोर हुई है। भारत में भी यही स्थिति है। भारत का चालू खाते का घाटा भी बढ़ रहा है। इसीलिए रुपये की कीमत पर असर दिख रहा है। लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई कि रुपया जल्द ही अपना स्तर तलाश लेगा।
फिच ने भारत की रेटिंग को सुधार कर यह बता दिया है कि भारत की राजकोषीय नीति सही रास्ते पर है। उन्होंने विदेशी निवेश को बढ़ाने के बाबत दी गई चंद्रशेखर पैनल रिपोर्ट को भी भी जमकर तारीफ की है। उन्होंने रुपये में आई गिरावट से बाजार को न घबराने की अपील की है। चिदंबरम ने कहा कि बढ़ते करंट अकाउंट घाटे के चलते रुपये में यह गिरावट दिख रही है। उन्होंने इसको रोकने के लिए जल्द की ठोस उपाय करने की बात कही है।
चिदंबरम ने भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए सोने के आयात में कमी आने पर भी जोर दिया है। उनका कहना है कि ऐसा होने से करेंट अकाउंट घाटे की स्थिति में काफी हद तक सुधार हो सकेगा।
वित्तमंत्री को भरोसा है कि 4.8 फीसदी के वित्तीय घाटे का लक्ष्य हर हाल में पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कच्चे तेल, गैस और फर्टिलाइजर सेक्टर के गिरते प्रदर्शन पर भी अपनी चिंता व्यक्त की है।