पटना: बीजेपी के साथ गठबंधन खत्म करने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा में विश्वासमत हासिल कर लिया है। विश्वासमत के पक्ष में 126 वोट, जबकि विरोध में 24 वोट पड़े। नीतीश सरकार के विश्वासमत प्रस्ताव पेश करने के बाद सदन से बहिष्कार कर चले गए।
बीजेपी विधायकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एनडीए को मिले जनादेश के साथ छल करने का आरोप लगाते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। बीजेपी विधायक दल के नेता नंदकिशोर यादव ने सदन में कहा, हम जानते हैं कि आपने विश्वासमत हासिल करने के लिए बहुमत जुटा लिया है.. हम वॉकआउट कर रहे हैं। नंदकिशोर यादव की घोषणा के बाद बीजेपी विधायक सदन से बाहर चले गए। उस समय नीतीश कुमार सरकार द्वारा पेश किए गए विश्वासमत पर चर्चा हो रही थी।
कांग्रेस ने राज्य में सत्तासीन जेडीयू के पक्ष में मतदान किया, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह उनके गठबंधन का हिस्सा बनने जा रही है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक नीतीश के पक्ष में मतदान करने के लिए चार निर्दलीय विधायक पहले से ही तैयार हो गए थे।
243-सदस्यों वाली विधानसभा में सरकार बनाने के लिए 122 सदस्यों की जरूरत है। जेडीयू के पास 118 विधायक हैं। विधानसभा में बीजेपी के 91, आरजेडी के 22, कांग्रेस के चार, एलजेपी और सीपीआई के एक-एक विधायकों के अलावा छह निर्दलीय विधायक हैं। यानी नीतीश को विश्वासमत हासिल करने के लिए महज चार विधायकों की दरकार थी। छह निर्दलीय विधायकों में चार पहले ही जेडीयू के पक्ष में वोट डालने की बात कह चुके थे, ऐसे में नीतीश के लिए राह बिल्कुल आसान थी।