नई दिल्ली।। आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग में कुर्सी से न छोड़ने पर अड़े बीसीसीआई अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन की ‘सम्मानजनक’ विदाई का रास्ता निकाल लिया गया है। हमारे सहयोगी चैनल ‘टाइम्स नाउ’ के सूत्रों के मुताबिक रविवार को होने वाली वर्किंग कमिटी की बैठक में श्रीनिवासन इस्तीफा तो नहीं देंगे, लेकिन सारी अहम जिम्मेदारियां छोड़ने पर वह राजी हो गए हैं। सहमति फॉर्म्युले के तहत बीच का रास्ता निकालते हुए श्रीनिवासन की सारी अहम जिम्मेदारियां कार्यकारी अध्यक्ष को दे दी जाएंगी। वर्किंग कमिटी की बैठक में इस बारे में एक प्रस्ताव निकलकर सामने आ सकता है।
टाइम्स नाउ के सूत्रों के मुताबिक श्रीनिवासन आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग की जांच पूरी होने तक साइडलाइन रहेंगे। श्रीनिवासन का कार्यकाल सितंबर में खत्म हो रहा है। इस तरह वह सितंबर में उनकी विदाई अपने आप हो जाएगी। टॉप सूत्रों के मुताबिक बीसीसीआई के चुनाव सितंबर में तय समय पर ही होंगे। खबर हैं कि बीसीसीआई के सभी सदस्य शशांक मनोहनर को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने पर सहमत हैं। इसके लिए उन्हें मना भी लिया गया है। शशांक मनोहर की बीसीसीआई में विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में एंट्री की जाएगी। पहले खबर थी कि रविवार सुबह चेन्नै में बीसीसीआई वर्किंग कमिटी की इमर्जेंसी मीटिंग के बाद श्रीनिवासन इस्तीफा सौंप सकते हैं।
इस्तीफों से बढ़ा दबावः बोर्ड के दो सीनियर पदाधिकारियों सचिव संजय जगदाले और कोषाध्यक्ष अजय शिरके से श्रीनिवासन पर दबाव बढ़ गया था। इसके अलावा उन पर दबाव बढ़ाने की रणनीति के तहत जॉइंट सेक्रेटरी अनुराग ठाकुर और चार उपाध्यक्षों अरुण जेटली (नॉर्थ), निरंजन शाह (वेस्ट), सुधीर दबीर (सेंट्रल) और शिवलाल यादव (साउथ) के भी इस्तीफा देने की चर्चा थी।
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इससे पहले आईपीएल के चेयरमैन राजीव शुक्ला और बीसीसीआई उपाध्यक्ष अरुण जेटली ने उनके खिलाफ निर्णायक कार्यवाही के संकेत दिए थे। शुक्ला ने कहा था रविवार को चेन्नै में बीसीसीआई की वर्किंग कमिटी की इमर्जेंसी मीटिंग होनी है। इसमें कोई निर्णय लिया जा सकता है। बीसीसीआई के उपाध्यक्ष अरुण जेटली ने भी सुबह चुप्पी तोड़ते हुए ऐसे ही संकेत दिए। उन्होंने कहा, ‘एक दिन इंतजार कीजिए। आज आपको अहम खबर मिल सकती है।’ वर्किंग कमिटी की बैठक रविवार सुबह साढ़े 11 बजे होनी है।
कार्यकारिणी श्रीनिवासन पर इस्तीफा देने के लिए केवल बस दबाव बना सकती है, क्योंकि उसके पास वोटिंग के जरिए उन्हें बाहर करने का अधिकार नहीं है। केवल विशेष आम सभा की बैठक में ही ऐसा किया जा सकता है, जिसमें सभी राज्य संघों के सदस्य शामिल होते हैं।
बीसीसीआई में बढ़ते विरोध के बीच श्रीनिवासन अलग-थलग पड़ने लगे थे। शुक्रवार शाम को श्रीनिवासन पर बीसीसीआई चीफ पद से हटने का दबाव बढ़ाते हुए बोर्ड के सचिव संजय जगदाले और कोषाध्यक्ष अजय शिर्के ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने श्रीनिवासन को भेजे इस्तीफे में कहा कि क्रिकेट में हाल ही में जो कुछ हुआ है, उससे वे काफी आहत हैं। नाटकीय घटनाक्रम में आईसीसी द्वारा श्रीनिवासन के दामाद और चेन्नै सुपरकिंग्स के सीईओ गुरुनाथ मयप्पन को बुकीज से दूर रहने की वॉर्निंग देने की खबर मीडिया में आने के बाद जगदाले, शिर्के और जॉइंट सेक्रेटरी अनुराग ठाकुर ने श्रीनिवासन से बोर्ड की इमर्जेंसी मीटिंग बुलाने की मांग की थी।
हर तरफ से दबाव को देखते हुए श्रीनिवासन ने वर्किंग कमिटी की इमर्जेंसी मीटिंग आठ जून को बुलाने की घोषणा की, लेकिन जगदाले और शिर्के श्रीनिवासन की चाल समझ गए। दोनों ने इसके बाद इस्तीफा दे दिया।
जगदाले उस तीन सदस्यीय इनक्वायरी कमिटी से भी बाहर हो गए हैं, जो मयप्पन के खिलाफ आईपीएल में सट्टेबाजी के आरोपों की जांच के लिए बनाई गई है। वहीं, फिक्सिंग मामले के दो हफ्ते बाद महान बल्लेबाज सचिन तेंडुलकर ने शुक्रवार को अपनी चुप्पी तोड़ी और पूरे घटनाक्रम को आश्चर्यजनक और पीड़ादायक बताया।