भोपाल – मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र शुरू हुआ और व्यवस्था को ले विवादों में आ गया ,विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने पद संभालते ही अपने तेवर दिखा दिए थे ,सदन संचालन में आवश्यक कठोरता से उनके नाम की चर्चा शुरू हो गयी ,दोनों दलों के सदस्यों को उन्होंने अनुशासनहीनता करने पर बख्शा नहीं,पार्किंग व्यवस्था में रद्दोबदल,सुरक्षा व्यवस्था में चौकसी उनकी तारीफ़ के काबिल रही.
मामला तब बिगड़ा जब उन्होंने पत्रकारों पर प्रतिबन्ध लगाते हुए उन्हें बाँध दिया ,पहले पत्रकार अध्यक्ष,उपाध्यक्ष,मुख्यमंत्री,मंत्री कक्षों में बराबर आते-जाते थे लेकिन महोदय में इस आने जाने पर प्रतिबन्ध लगा दिया ,पत्रकारों को सदन चलने के समय के अलावा बहुत सी जानकारियां चाहिए होती हैं लेकिन इस नजरबन्द व्यवस्था से पत्रकार एक जगह बंध कर रह गए. मंत्री कक्षों में चूंकि समर्थकों की भीड़ रहती है अतः ख़बरें वहां से जल्दी मीडिया तक पहुँचती हैं यह भी एक कारण प्रतिबन्ध का रहा,कार्यकर्ता और सत्ता के दलाल वहां तक आसानी से पहुँच सकते हैं लेकिन पत्रकारों का जाना प्रतिबंधित है.
इलेक्ट्रानिक मीडिया को लॉबी में बात करने की मनाही हो गयी,एक स्थान चिन्हित किया गया लेकिन वहां अव्यवस्था का आलम है ,पत्रकारों ने बेहतर विकल्प की मांग की है.