भोपाल – भोपाल में भाजपा ने सरकारी खर्च पर जनजातीय गौरव दिवस मनाया और उसमें प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने शिरकत की. यहाँ तक तो सब ठीक रहा सवाल वहां उठे जब शासकीय कार्यक्रम को एक दलीय कार्यक्रम बना दिया गया स्पष्टतः भाजपा ने आगामी चुनावों में अपने घटते वोट बैंक के चलते यह आयोजन किया है,भाजपा अपनी आगामी चुनावी तैयारियों को बहुत पहले से तैयार रखती है और हमेशा कई स्तर पर उसकी रणनीति बनायी जाती है। जनजातीय गौरव दिवस आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी के रूप में देखा जा रहा है.
गौरव दिवस पर 23 करोड़ रुपये की शासकीय रकम खर्च की गई, इसमें से 13 करोड़ रुपये तो महज लोगों को यहां लाने के लिए परिवहन, रहने खाने-पीने की व्यवस्था, पर खर्च किए गए. जबकि 10 करोड़ रुपये के करीब साज सजावट औऱ अन्य कार्यक्रम पर खर्च किए गए.
भोपाल: भोपाल के जम्बूरी मैदान में जनजातीय गौरव दिवस (Janjatiya Gaurav Divas) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के आगमन को लेकर बीजेपी की ओर से दावा किया गया कि इसमें ढाई लाख से ज्यादा लोगों ने शिरकत की. बीजेपी (BJP) का कहना है कि इसमें मध्य प्रदेश के 52 जिलों के अलग-अलग इलाकों से आदिवासी समुदाय के लोग शामिल हुए. हालांकि हकीकत कुछ औऱ ही बयां करती नजर आई. जनसभा स्थल पर बहुत सारी कुर्सियां खाली नजर आईं. पीएम मोदी को जो बहुत सारे लोग सुनने आए थे वो बीच में ही बाहर जाते नजर आए. मंच से पीएम मोदी के भाषण के दौरान भी ऐसा ही नजारा दिखा.बीजेपी सरकार का एक ओर दावा है कि वो आदिवासियों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लेकर आई हैं, जिससे लाखों की संख्या में लोग लाभान्वित हुए हैं. हालांकि जनसभा स्थल पर खाली कुर्सियां पार्टी के लिए चिंता पैदा करने वाली हैं. रैली स्थल के सबसे पीछे की ओर कुर्सियां आखिरी वक्त तक नहीं भर सकी थीं.
बीजेपी ने हाल ही में आदिवासी बाहुल्य जोबट सीट कांग्रेस से छीनी है, लेकिन 2008 से 2018 के बीच आंकड़ों की बात करें तो आदिवासी समुदाय के बीच पार्टी के वोट प्रतिशत में गिरावट आई है. साथ ही सीटों की संख्या भी 31 से घटकर 18 रह गई है. बीजेपी इस वोट बैंक को दोबारा मजबूत करने की भरसक कोशिश में जुटी है.
पीएम मोदी ने बिरसा मुंडा (Birsa Munda) की जयंती पर भोपाल में जनजातीय गौरव दिवस महासम्मेलन को संबोधित किया. पीएम ने कहा कि आज का दिन पूरे देश के लिए, पूरे जनजातीय समाज के लिए गौरव का दिन है. आज भारत अपना पहला जनजातीय गौरव दिवस मना रहा है. पीएम ने नाम लिए बिना कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि देश की आबादी का 10% होने के बावजूद दशकों तक आदिवासी समाज को, उनकी संस्कृति, उनकी ताकत नजरअंदाज किया गया. पीएम मोदी ने पहले पीपीपी मॉडल पर बने रानी कमलापति स्टेशन को समर्पित किया.
भाजपा अपनी प्रत्येक रैली में कार्यकर्ता स्तर तक कार्य करती है जनजातीय क्षेत्रों से भाजपा के कार्यकर्ताओं ने भीड़ जुटा कर अपने नेताओं के आदेश को पूरा करने का प्रयास किया ,कई भोले-भाले कार्यकर्ताओं ने जिन्हें यह पता था की ये जनजातीय क्षेत्रों से भाजपा कार्यकर्ता लाये जा रहे हैं भोलेपन से कार्यकर्ताओं का स्वागत अपनी फेसबुक वाल पर चस्पा कर दिया अब भाजपा को अपनी इस रणनीति में कितनी सफलता मिलती है.
भाजपा ने मप्र में आदिवासी जनजातियों की बेहतरी का दावा कर चुनावों तक विपक्ष और मीडिया को एक मुद्दा दे दिया है ये दो साल विपक्ष एवं मीडिया के पास ख़बरों की कमी नहीं रहने वाली है यह तय है और मुख्यमंत्री के लिए राजनैतिक सरदर्द बना रहेगा जहां भाजपा का मीडिया सेंटर दुर्भावना की स्थिति पैदा कर रहा है वहां अगुआ नेता घमंड से चूर हैं भाजपा नेताओं को यहाँ समझ में आ गया है की चुनाव हारने के बाद भी सरकार बनायी जा सकती है और वे इसके लिए अपने शीर्ष नेतृत्व को धन्यवाद देने से गुरेज भी नहीं करते हैं.
अब देखना है भाजपा का प्रयास उसे कहाँ तक फायदा पहुंचाता है और बचे दो साल भाजपा नेतृत्व अपने को कैसे पैमाने पर खरा सिद्ध कर पाता है वैसे बहुत कठिन है डगर चुनाव की.