भोपाल– मप्र के परिवहन विभाग का कारनामा देख लीजिए। काली और सफेद दोनों कमाई के लिए बदनाम परिवहन विभाग ने लॉकडाउन में भी ‘डकैती” का तरीका ढूंढ़ ही लिया है। अब विभाग के कर्ताधर्ता “बाबू” ने मौखिक फरमान जारी किया है कि चैक पोस्टों पर सभी वाहनों की जांच होगी। जांच में सिर्फ यह देखा जाएगा कि वाहनों में यात्री अवैध रूप से तो नहीं ले जाए जा रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के फरमान के परिपालन में जांच में वाहनों से कागजात नहीं देखें जाएंगे। अब जांच के पीछे की असली कहानी तो चैक पोस्टों पर तैनात विभाग के अधिकारी कर्मचारी पहले ही बयां कर चुके हैं। वैसे भी परिवहन नाकों पर जांच कैसे होती है, किसी से छिपी नहीं है। लेकिन ये लॉकडाउन में ‘कानूनी डकैती” की आड़ में सफेदपोशों के खीसे फुलाने का आइडिया गजब का है।
पर्दे के पीछे का खेल यह है की गाड़ियो के कागजात जाचे नहीं जाते लेकिन वसूली निरंतर जारी है ताकि नेताओं से ले अधिकारी कर्मचारियों की व्यवस्था पर कोई फर्क न पड़े।
रामेश्वर धाकड़ की कलम से