ग्वालियर- मप्र के जूनियर डाक्टरों ने अपनी छह सूत्रीय मांगे न माने जाने पर सामूहिक इस्तीफ़ा दे दिया है.ग्वालियर के जीआर मेडिकल कालेज समेत मप्र के 3000 डाक्टरों ने इस्तीफ़ा दे दिया है,,इन्होने सरकार पर वादा-खिलाफी का आरोप लगाया है.वहीँ मप्र हाईकोर्ट ने इस हड़ताल को अवैध बताया है एवं 24 घंटों में काम पर वापस लौटने को कहा है.
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर सचेत सक्सेना ने बताया कि सरकार जूनियर डॉक्टरों के प्रति दोहरा मापदंड अपना रही है. एक तरफ तो हमें विद्यार्थी बताकर हमारा मानदेय नहीं बढ़ाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर हड़ताल पर जाने के बाद हमें सरकारी कर्मचारी मानकर और हमारी सेवाओं को अत्यावश्यक घोषित करते हुए एस्मा लागू कर दिया है. इसके साथ ही हमारे पांच साथियों को ग्वालियर में बर्खास्त कर दिया गया है.
दैनिक भास्कर के मुताबिक, मंगलवार को ग्वालियर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज, जबलपुर के नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज, इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज और रीवा के श्यामशाह मेडिकल कॉलेज में पांच-पांच जूनियर डॉक्टरों को बर्खास्त किया गया है.
वहीं, भोपाल में तीन डॉक्टरों को बर्खास्तगी के लिए चिन्हित किया गया है. ग्वालियर में हड़ताल में गए बाकी जूनियर डॉक्टरों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं.