27 अक्टूबर शाम पांच बजे से चुनाव प्रचार पर रोक लग जाएगी. इसके बाद सिर्फ घर-घर सम्पर्क अभियान चलेगा. चुनाव प्रचार थमने के एक दिन पहले दोनों पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस अपनी पूरी ताकत लगा रही हैं. इसी कारण आज बैक टू बैक सभाओं का दौर चलेगा. प्रदेश की दोनों ही बड़ी पार्टियां आज वोटर्स को साधने की अंतिम कोशिश कर रही हैं.
मप्र में भाजपा के सत्ता पर काबिज होने के बाद पहला उपचुनाव है,दो वर्ष बाद होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस एवं भाजपा से अधिक भाजपा के लिए इन चुनावों में विजय महत्वपूर्ण है इससे ज्यादा महत्वपूर्ण यह चुनाव मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए बन गया है दो दफे शिवराज को हटाने की कवायद को शिवराज की राजनैतिक चतुराई ने ध्वस्त कर दिया लेकिन इन चुनावों के बाद के रिजल्ट आनेके बाद शिवराज के लिए एक नया राजनैतिक रणक्षेत्र तैयार होगा।
सूत्रों के अनुसार मोदी शाह की जोड़ी और संगठन शिवराज सिंह को चुनावों के पूर्व मुख्यमंत्री पद से हटाने का मन चुकी है यदि उप-चुनाव परिणाम बेहतर नहीं आये तब शिवराज के लिए पद बचाना बेहद मुश्किल भरा होगा,देखना यह है आगामी राजनैतिक परिस्थितिओं को शिवराज सिंह चौहान किस तरह अपने पक्ष में कर पाते हैं।
बात करें चुनावी क्षेत्रों की तो भाजपा ने अपनी परंपरा अनुसार पूरी ताकत चुनावी क्षेत्रों में झोंक दी है वहीँ कांग्रेस भी योजनाबद्ध तरीके से चुनावी समर में है लेकिन भाजपा के समक्ष महंगाई ,किसानों की बदहाली के मुद्दों का दैत्य खड़ा है वहीँ कांग्रेस के पक्ष में यह दैत्य कांग्रेस के लिए प्रचार करता दिख रहा है। भाजपा कितना भी स्थिति अच्छी होने का दम भरे लेकिन जमीनी हकीकत है की महंगाई और बदहाली से जनता परेशान है और वह अंदर ही अंदर भरी हुयी है ,भाजपा जहाँ हिन्दू-मुस्लिम के मुद्दे को क्षेत्रों में उठा कर हिंदू वोटों को अपने पक्ष में करने की जुगत में है वहीँ स्थानीय कार्यकर्ताओं की बेरुखी भाजपा के विरोध में है.
भाजपा के संगठन की बात करें तो अध्यक्ष बीडी शर्मा के आने के बाद टीम नयी हो चुकी है इनमें से अधिकाँश के जनता से सीधे संपर्क नहीं हैं जिसका प्रभाव जनता पर पड़े और वह भाजपा के वोटों में तब्दील हो सके इस चुनाव में देखने में आया की कई पूर्व पदाधिकारी भाजपा कार्यालय से चुनाव क्षेत्र में जाने का टेलीफोनिक फरमान आने के बाद भी क्षेत्रों में नहीं गए और घरों में करवा चौथ मनाते रहे.
बात कांग्रेस की तो हमेशा की तरह वह भाजपा की कमियों के जरिये ही चुनाव लड़ रही है और जीतने का ख़्वाब ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर व्यक्त कर रही है इसमें दो राय नहीं की कांग्रेस ने अपनी सोशल मीडिया टीम को ताकत दी है जिसका फायदा उसे आगामी चुनाव परिणामों में देखने को मिलेगा भी।
तीन विधानसभा और एक लोकसभा क्षेत्र में हो रहे चुनावों की स्थिति देखें तो खंडवा लोकसभा चुनाव में जहां भाजपा के पूर्व दिवंगत सांसद नंदकुमार सिंह चौहान के पुत्र को टिकट न देना एक बड़ी भूल हो सकती है वहीँ कांग्रेस के कद्दावर नेता अरुण यादव का चुनाव से पीछे हटना उस समीकरण को भाजपा के पक्ष में राहत देता है.भाजपा का गढ़ बागली विधानसभा चुनाव क्षेत्र इस बार भाजपा को वोटों का घाटा देता दिख रहा है ,भाजपा की रणनीतिक चतुराई ने एक कांग्रेसी विधायक को अपने पक्ष में जहां कर लिया इससे भाजपा में उत्साह तो बढ़ा है लेकिन मत डलने के उपरान्त ही इसका नफ़ा- नुकसान सामने देखने को मिलेगा क्योंकि जनता चुप्पी साधे बैठी है.
स्पष्टतः चुनाव भाजपा-कांग्रेस के बीच न होकर भाजपा और जनता के मध्य हो चुका है और परिणाम का इन्तजार सभी को रहेगा क्योकि यह उपचुनाव कई राजनैतिक समीकरणों की दिशा-दशा तय करेगा।
27 अक्टूबर शाम पांच बजे से चुनाव प्रचार पर रोक लग जाएगी. इसके बाद सिर्फ घर-घर सम्पर्क अभियान चलेगा. चुनाव प्रचार थमने के एक दिन पहले दोनों पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस अपनी पूरी ताकत लगा रही हैं. इसी कारण आज बैक टू बैक सभाओं का दौर चलेगा. प्रदेश की दोनों ही बड़ी पार्टियां आज वोटर्स को साधने की अंतिम कोशिश कर रही हैं.
जहां आज मध्यप्रदेश कांग्रेस के आला कमान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ खण्डवा लोकसभा क्षेत्र में अपने चुनावी प्रचार को विराम देंगे. कमलनाथ की आज मांधाता, बुराहनपुर और भीकनगांव में एक के बाद एक कई चुनावी सभा हैं. इसके अलावा बीजेपी के कई स्टार प्रचारक आज मैंदान में तैयार दिखाई देंगे. कमलनाथ की काट बनने के लिए खण्डवा और मान्धाता में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भरेंगे दम. इसके साथ ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा जोबट और खण्डवा लोकसभा के पंधान विधानसभा में अपना चुनावी प्रचार करेंगें. प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी आज रण में दिखाई देंगे. वो रैगांव और पृथ्वीपुर में प्रचार प्रसार कर वोट अपील करेंगे. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, सीएम शिवराज सिंह चौहान और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की संयुक्त सभा मतदाताओं में जोश फूंकती नजर आएगी।
भाजपा ने प्रचार थमने के बाद आगे की कैम्पेनिंग की रणनीति भी तैयार कर ली गई है. बीजेपी इसके लिए घर-घर जाकर सम्पर्क अभियान चलाएगी. साथ ही ऑनलाइन संवाद भी किया जाएगा. इसके लिए चारों सीटों का डेटा बैंक तैयार है, जिससे वोटबैंक को श्रेणी में बांटकर मोबाइल मैसेजिंग, वीडियो क्लिप और लाइव सेशन्स से वोटरों को लुभाएगी बीजेपी. इसे बीजेपी ने विजय सम्पर्क अभियान नाम दिया है. इसके तहत एक बूथ बीस यूथ टीम का गठन भी किया है.
अनिल कुमार सिंह धर्मपथ के लिए