Deen Dayal Antyodaya Rasoi Yojana:मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जल्द ही दीनदयाल रसोई योजना को पुनः-लांच कर सकते हैं. सरकार जल्द ही दीनदयाल रसोई को ‘मामा की रोटी’ करने की तैयारी में है और यहां खाना भी 10 की बजाय 5 रुपए में देने की योजना है. ‘मामा की रसोई’ पर लगभग 35 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है.
मध्य प्रदेश सरकार दक्षिण भारत में तमिलनाडु की ‘अम्मा कैंटीन’ और अमृतानंदमयी की ‘मां की रसोई’ की तर्ज पर दीनदयाल रसोई योजना का पॉपुलर बनाना चाहती है. सरकार में एक वर्ग का मानना है कि दीनदयाल रसोई योजना से जनता के बीच कोई खास प्रतिक्रिया नहीं है. इस वजह से तय किया गया है कि दीनदयाल रसोई की जगह ‘मामा की रोटी’ नाम से इस योजना को चलाया जाए. भरपेट भोजन की कीमत 10 से घटाकर 5 रुपये कर दी जाए.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जल्द इसका ऐलान कर सकते है. शासन स्तर पर इसकी तैयारी हो चुकी है. इस योजना में खर्च 16 करोड़ रुपए से बढ़कर लगभग 35 करोड़ होने का अनुमान है. कहा जा रहा है कि दीनदयाल रसोई में यह बदलाव करने के पीछे बड़ी वजह आने वाले विधानसभा चुनाव हैं. पिछले दिनों कैबिनेट बैठक में यह बात उठी थी कि दीनदयाल रसोई का कोई राजनीतिक लाभ नहीं मिल पर रहा है. इसकी कहीं भी चर्चा नहीं होती है.
प्रदेश में 145 दीनदयाल रसोई चल रही हैं, इसमें 20 स्थायी और 25 चलित रसोई भी शामिल हैं. तीन रसोई नगर निगम चला रहे हैं, बाकी एनजीओ, स्वयं सहायता समूह, धार्मिक, सामाजिक संस्थाएं व व्यावसायिक प्रतिष्ठान चला रहे हैं. संचालन करने वाला एनजीओ या संस्था को भी 1 रुपए 60 पैसे मिलता था.
अब सब्सिडी 10 रुपये की जगह पांच रुपये में भोजन मिलेगा. सालाना सब्सिडी 15 से 16 करोड़ होती है, जो बढ़कर 33 से 35 करोड़ रुपए तक हो जाएगी. इसमें एक रुपए किलो गेहूं-चावल की कीमत शामिल नहीं है, जो शासन उपलब्ध कराता है. साल 2017 में शुरू हुई दीनदयाल रसोई से अब तक दो करोड़ लोग भोजन कर चुके हैं.