योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था जल्दी ही सात से आठ फीसद की दर से बढ़ेगी.
मोंटेक ने कहा कि इस तरह की बात भारतीय अर्थव्यवस्था के पिछले रिकार्ड को देखते हुए कही जा सकती है.
अहलूवालिया ने यहां एक गोष्ठी में कहा ‘‘सात से आठ फीसद वृद्धि दर का अनुमान लगाना तर्कसंगत होगा और मैं इसे पासिंग ग्रेड कहूंगा. मुझे लगभग पूरा भरोसा है कि अगले चार से पांच साल में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर यही होगी.’’
केंद्रीय सांख्यिकी संगठन के अनुमान के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर पांच फीसद रहेगी जो दशक भर का न्यूनतम स्तर होगा.
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि 12वीं योजना (2012-17) में सालाना औसत आर्थिक वृद्धि दर 6.6 फीसद रहेगी जबकि योजना दस्तावेज में इसका आठ फीसद लक्ष्य रखा गया है.
हालांकि, कुछ अर्थशास्त्रियों ने घरेलू विनिर्माण क्षेत्र में धीमें सुधार पर चिंता जाहिर की है जिससे चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के प्रभावित होने की आशंका है.
अहलूवालिया ने कहा ‘‘यदि आप 10 साल की अवधि का आकलन करते हैं तो औसत वृद्धि 7.5 फीसद होगी और यदि आप सांख्यिकीय तरीके का उपयोग करते हैं तब भी यह 7.4 फीसद रहती है. इस प्रकार पुराने आकलन के तरीके से भी पिछले 10 साल के दौरान इसका संकेत मिलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने 7.4 फीसद वृद्धि क्षमता दिखाई.’’
चालू खाते का घाटा (कैड) बढ़ने की समस्या का हवाला देते हुए अहलूवालिया ने कहा ‘‘यह गंभीर समस्या है . हमें अगले दो साल तक करीब चार फीसद का चालू खाते का घाटा झेलना होगा.’’