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 सरसंघचालक मोहन भागवत जी के भोपाल आगमन पर अभिनंदन लेख | dharmpath.com

Saturday , 19 April 2025

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सरसंघचालक मोहन भागवत जी के भोपाल आगमन पर अभिनंदन लेख

328_08_33_25_new_H@@IGHT_365_W@@IDTH_500राष्ट्रीय स्वयम सेवक संघ के मुखिया सरसंघचालक मोहन भागवत भोपाल में हैं,यहाँ वे आये हैं अपने पूर्वनिर्धारित कार्यक्रमों के अनुसार वे गतिविधि करते हैं सरसंघचालक जी की निष्ठा और कर्मठता पर कोई आक्षेप नहीं लगा सकता,संघ की पता नहीं कौन सी परिपाटीके अनुसार संघ अपने कार्यक्रमों से खबरनवीसों को दूर रखता है और संघ के प्रति समाज में भ्रम उपजाने में उत्प्रेरक का कार्य करता है ,हाँ यह हो सकता है की जब संघ का शुरूआती दौर था तब यह क्रियाविधि संप्रासंगिक रही होगी लेकिन आज के दौर में यह उचित जान नहीं पड़ती.

आज संघ वैचारिक नहीं व्यक्ति के प्रति निष्ठावान हो चला है 

संघ में आम जन के जुडने से शुरूआत हुई और एक राष्ट्रवादी विचारधारा का विस्तृत संगठन हिन्दुस्थान को मिला,समयकाल के प्रभाव से आज इस भौतिक समय में संघ को उससे जुडने वाले लोग जितना ज्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं उतना उसके राजनैतिक विरोधी नहीं.संघ से जुडने वालों में व्यक्तिगत लाभार्थी अधिक हैं अपितु संघ के प्रति वैचारिक समर्पित लोग.संघ में खान-पान को लेकर भी समाज में अलगाव पैदा करने की संस्कृति पनप चुकी है,धर्म को खान-पान विवादास्पद विचार से कुंठित और खोखला करने में हिन्दू मतावलम्बी ही अगुआ आते है और इसके लिये पुरस्कार प्राप्त करने के अधिकारी भी हैं .

खान-पान की विवादास्पद व्यवस्था के जरिये हिन्दुओं में भेद किया जा रहा है 

जिस कुव्यवस्था से हम सदियों से संघर्ष करते आये,जिस कारण हिन्दू-हिन्दू नहीं रह गया वह कई मतों,जातियों,उप- जातियों में बंट गया और हिन्दुकुश से मात्र भारत और नेपाल तक सिमट कर रह गया वह भी पीडित स्वरूप में हिन्दुत्व के प्रति हम मोहन भागवत जी के विचार आपके समक्ष रखते हैं फिर आगे बढेंगे उन्होने कहा है,”हमारी पहचान हिन्दू हैं. हम सब को जोडनेवाला तत्व हिंदुत्व हैं. हिंदुत्व हमारी राष्ट्रीयता हैं. विनाश की कगार पर पहुची आधुनिक दुनिया के समस्याओं के निराकरण का मार्ग हिंदुत्व हैं. प्रत्येक राष्ट्र के जीवन का प्रयोजन होता हैं. रोम और यूनान जैसे देशों का प्रयोजन तात्कालिक था इसलिए वह नष्ट हुए. किन्तु हिन्दू राष्ट्र यह अमर राष्ट्र हैं. यह कभी समाप्त नहीं होगा.”उक्ताशय के उदगार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने ‘संकल्प महाशिविर’ के समापन के अवसर पर व्यक्त किये. आपने आगे कहा की “संघ का मानना हैं की व्यक्ति के जीवन परिवर्तन से समाज के वातावरण में परिवर्तन होगा और इस परिवर्तन से राष्ट्र का पुनर्निर्माण होगा. सदाचरणी, सच्छील, निर्भय ऐसे गुणोंसे समाज में अच्छा वातावरण बनता हैं. और ऐसा वातावरण ही समाज में परिवर्तन लाता हैं. देश में परिवर्तन सामान्य जनता ही लाएगी. किन्तु उसके लिए जनता का मात्र सामान्य होना पूर्ण नहीं हैं. उसका गुणवान होना, सतचारित्र्य होना, संगठित होना अनिवार्य हैं.”आपने कहा की “रोज निष्काम और निरपेक्ष भाव से देश की सेवा करने से ही हम बलशाली राष्ट्र, समर्थ राष्ट्र बन सकेंगे.”

लेकिन हिन्दू है कहाँ,सनातन को कहाँ छोड दिया गया है इन झूठे धर्मवलम्बियों नें,हिन्दुत्व सनातन है,अभेद का मार्ग है लेकिन समाज के ठेकेदारों ने इसे भेद-भाव से पूरित कर दिया है,जब हमने भोपाल प्रवास पर आये राम माधव जी से यह पूछा की संघ की शाखायें दलित बस्तियों,उन्हे जिन्हे समाज स्वीपर की उपाधि देता है और हिन्दुत्व वराह देवता के रूप में पूजता है उस देव-तुल्य जो सबकी गन्दगी भेदभाव रहित हो साफ करते हैं के लिये क्या ये शाखाएं नहीं हैं क्या उनके साथ रोटी का सम्बन्ध नहीं है तो वे अचकचा गए और बोले की हम सेवा कार्यों से उनके बीच कार्य करते हैं अरे भई क्या सेवा करते हैं आज भी उनकी बस्ती उसी गन्दगी से पति हैं,आप उनके साथ खाते नहीं,उचित इलाज नहीं हैं फिर भी वे इस सनातन के लिये जान तक देने को तैयार हैं ऐसा क्यों,क्योंकी सनातन सत्य है और समाज के ठेकेदारों की अपने फायदे के हिसाब से बदलती व्यवस्थायें झूठ.

यही सत्य है की हिन्दू धर्म के कतिपय ठेकेदार इस व्यवस्था को सदियों से पंगु कर रहे हैं और आज भी शांत और कुटिल रूप में विराजमान हैं,सरसंघचालक जी से निवेदन है की आपके पास जो इतनी बड़ी व्यवस्था है उसका इस्तेमाल सनातन,राष्ट्र और उसके निवासियों के उत्थान में करें,इस समाज से भेदभाव को खत्म करें नहीं तो घटता हिन्दू,बंटता हिन्दू ,शोषितहिन्दू,पीड़ित हिन्दू कहाँ जायेगा जब आप कहते हैं की हिन्दुत्व की शरण में ही सभी शांति और विकास के साथ रह सकते हैं तब समयकाल के हिसाब से निर्णय लीजिये,शोषकों और परजीवियों से सतर्क रहिये और इस सनातन को अभेद मार्ग को फूलने-फलने देखिये,सम्पूर्ण सृष्टि केपरिपेक्ष्य में ना की कुछ व्यापारियों के हाथों में इसका विनाश होते देखिये ,वंदे मातरम.

अनिल सिंह (धर्मपथ)

 

सरसंघचालक मोहन भागवत जी के भोपाल आगमन पर अभिनंदन लेख Reviewed by on . राष्ट्रीय स्वयम सेवक संघ के मुखिया सरसंघचालक मोहन भागवत भोपाल में हैं,यहाँ वे आये हैं अपने पूर्वनिर्धारित कार्यक्रमों के अनुसार वे गतिविधि करते हैं सरसंघचालक जी राष्ट्रीय स्वयम सेवक संघ के मुखिया सरसंघचालक मोहन भागवत भोपाल में हैं,यहाँ वे आये हैं अपने पूर्वनिर्धारित कार्यक्रमों के अनुसार वे गतिविधि करते हैं सरसंघचालक जी Rating:
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