लखनऊ : राजधानी लखनऊ में पूर्व मुख्यमंत्री व बसपा सुप्रीमो मायावती की ओर से करोड़ो-अरबों रुपये की लागत से बनवाए गए दलित महापुरुषों के स्मारकों और पार्कों का प्रयोग अब शादी-ब्याह, मेले और महोत्सवों जैसे आयोजनों के लिए किया जाएगा।
लखनऊ के प्रभारी मंत्री शिवप्रताप यादव ने बताया कि पूर्व सरकार की ओर से बनाए गए स्मारकों एवं पार्कों का प्रयोग सर्वजन समाज के मांगलिक कार्यों एवं उत्सवों के लिए किए जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि उक्त निर्णय समाजवादी पार्टी के घोषणा पत्र के वादे को पूरा करने की दिशा में लिए जा रहे निर्णयों में से एक है।
यादव ने बताया कि पूर्व बसपा सरकार की ओर से बनाए गए भव्य स्मारकों एवं पार्कों का आम जनता के लिए कैसे बेहतर प्रयोग किया जा सकता है को दृष्टिगत रखते हुए सरकार ने इन स्मारकों एवं पार्कों के प्रबंधन, सुरक्षा एवं रखरखाव समिति को उक्त सुझाव दिए थे, जिसे उसने स्वीकार कर लिया है। इस संबंध में सरकार ने निर्णय लिया है कि रमाबाई ग्राउंड तथा उससे सटे स्थलों को राज्य सम्पति विभाग के आधीन कर दिया जाएगा जबकि इस स्थल पर बने प्रशासनिक भवन का उपयोग कमेटियों के कार्यालय के रुपए में किया जाएगा।
नई व्यवस्था के तहत अन्य स्मारकों एवं पार्कों में बने प्रशासनिक भवनों को सरकारी, अर्ध सरकारी निगमों एवं अन्य निकायों के कार्यालयों को किराए पर दिया जाएगा। इस व्यवस्था के तहत अब स्मारकों में बनाई गयी डोरमेटरी, पार्क और रैली स्थल को किराए पर सरकार एवं अर्ध सरकारी विभागों के सुपर्द कर दिया जाएगा जबकि इन स्थलों के आस-पास खुले स्थलों का प्रयोग शादी ब्याह एवं सांस्कृतिक आयोजन आदि के लिए किराए पर देने के लिए किया जाएगा।
इसी प्रकार बुद्ध विहार शांति में बने कक्ष उपवन को भी राज्य सम्पत्ति विभाग को सौंप दिया जाएगा जबकि इको गार्डन में बनी कैंन्टीन निजी क्षेत्र के कैंटीन संचालकों को दिया जाना प्रस्तावित है। लखनऊ के गोमती नगर क्षेत्र में भव्य रुप से निर्मित भीमराव अम्बेडकर परिवर्तन स्थल का प्रशासनिक भवन जो पूर्व में नेशलन इन्वेस्टीगेटिव एजेन्सी (एनआईए) को आवंटित की गई थी पर कब्जा न लिए जाने की स्थिति में अब इस भवन को राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम), उद्योग बंधु अथवा अन्य किसी विभाग को आवंटित कर दिया जाएगा।
परिवर्तन स्थल के बाहरी प्रशासनिक भवन को किराये पर पुलिस महकमे अथवा गृह विभाग को वूमेन पावर लाइन (1090) या अन्य किसी कार्य के लिए आवंटन कर दिया जाएगा। इसी प्रकार कांशीराम ग्रीन (इको) गार्डन भी राज्य सम्पत्ति विभाग को किराये पर दे दिया जाएगा। नई व्यवस्था के अनुरुप रमाबाई अम्बेडकर ग्राउंउ का एक पर्याप्त हिस्सा वार्षिक ‘लखनऊ महोत्सव’ आयोजन के लिए सुरक्षित रखा जायेगा जबकि शेष भाग को किराए पर एक्सपो मार्ट अथवा अन्य महोत्सवों के आयोजन के लिए प्रयोग में लाया जाएगा।
रमाबाई ग्राउंड पर बने पार्किंग स्थल को राज्य परिवहन निगम के अर्न्तराज्जीय बस टर्मिनल के लिए आवंटित किया जाना प्रस्तावित है। मायावती सरकार की ओर से हजारों-करोड़ों रुपये की लागत से बनाए गए स्मारकों और पार्कों मे खाली पड़े भवनों एवं जमीन के उचित प्रयोग के लिए लखनऊ के जिलाधिकारी अनुराग यादव के नेतृत्व मे एक समिति पहले ही गठित की जा चुकी है।
बहुजन समाज पार्टी ने प्रदेश की अखिलेश सरकार द्वारा स्मारकों और पार्कों में विभागीय दफ्तरों को खोले जाने के निर्णय को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा है कि इस प्रकार के निर्णय से गलत परम्पराओं की शुरुआत होगी। बसपा सांसद ब्रजेश पाठक का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती की ओर से दलित महापुरुषों की स्मृति में उनके नाम पर बनाए गए स्मारकों और पार्कों में दफ्तर खोला जाना सिर्फ दलित महापुरुषों का अपमान ही नहीं है बल्कि सपा सरकार इससे गलत परम्पराओं की शुरुआत भी करने जा रही है। इससे भविष्य में सरकार बदलने पर सपा के ऐसे स्थलों में भी बदलाव किए जाने के रास्ते खुल जाएंगे।