महाराज चित्रगुप्त की पूजा कल रविवार यानि 20 मार्च को होगी। खासबात यह है कि चित्रगुप्त की पूजा साल में दो बार होती है। दीपावली के दूसरे दिन और होली के दूसरी दिन। इस बार भी होली की द्वितिया पर 20 मार्च को पूजा होगी। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने बताया कि चित्रगुप्त पूजा वर्ष में दो बार मनाई जाती है एक होली के बाद तो दूसरी दीपावली के बाद। चित्रगुप्त पूजा कायस्थ समुदाय के द्वारा की जाती है। इस पूजा को दवात पूजा भी कहा जाता है, जहां कागज, पेन की पूजा की जाती है, इसे कायस्थ लोग अध्ययन का प्रतीक मानते है। घर में कमाने वाले सदस्य अपनी आय चित्रगुप्त के सामने लिखते है, और घर चलाने के लिए जितने खर्च की जरूरत रहती है उसे भी लिखते है, ताकि अगले साल उनकी आय में इजाफा हो सके।
इस दिन नए बहीखातों पर श्री लिखकर कार्य का आरंभ भी किया जाता है। इसके पीछे मान्यता है कि कारोबारी अपने कारोबार से जुड़े आय-व्यय का ब्योरा भगवान चित्रगुप्त के सामने रखते हैं और उनसे व्यापार में आर्थिक उन्नति का आशीर्वाद मांगते हैं। भगवान चित्रगुप्त की पूजा में लेखनी-दवात का बहुत महत्व है।