भोपाल: भोपाल से लोकसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के एक बयान ने मध्य प्रदेश में अपनी ही पार्टी की सरकार को निशाने पर ले लिया है. उन्होंने कहा है कि अवैध शराब के धंधे में लिप्त अपने रिश्तेदारों को पुलिस हिरासत से छुड़ाने के लिए माता-पिता अपनी बेटियों को बेच रहे हैं.
ठाकुर ने 17 सितंबर (शनिवार) को भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के एक समारोह को संबोधित करते हुए ये टिप्पणी की थी.
कार्यक्रम के दौरान प्रज्ञा ने कहा कि उन्होंने तीन गांव गोद लिए हैं. वे इन गावों की गरीब बच्चियों की पढ़ाई-लिखाई में मदद करती हैं.
उन्होंने आगे कहा कि उन गांवों में लोग गरीब हैं और कच्ची शराब बनाकर बेचते हैं. इसके चलते पुलिस उन्हें पकड़कर ले जाती है तो वे अपनी बच्चियों को बेचकर पुलिस को पैसे देते हैं और अपने लोगों को छुड़ाते हैं.
प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, ‘मैंने कुछ बस्तियों को गोद लिया है, जहां बच्चों के पास पढ़ाई के लिए संसाधन नहीं हैं. उनके माता-पिता के पास कमाई का कोई नियमित स्रोत नहीं है और वे अवैध शराब बनाने और बेचने में शामिल हैं … कभी-कभी पुलिस उन्हें गिरफ्तार कर लेती है और उनके पास जमानत पाने के लिए पैसे नहीं होते हैं. वे अपने लोगों की रिहाई के लिए पैसे जुटाने के वास्ते चार से छह साल की लड़कियों को बेच देते हैं.’
उन्होंने इन गावों की बस्तियों में बच्चों की संख्या 250-300 बताई और कहा कि यहां के लोगों के पास खाने तक के पैसे नहीं हैं.
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक, ठाकुर की कथित टिप्पणियों का एक वीडियो सामने आने के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस नेता गोविंद सिंह ने कहा कि यह चौंकाने वाला और चिंता का विषय है कि राज्य की राजधानी में अवैध शराब का कारोबार फल-फूल रहा है.
नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि ठाकुर के बयान से संकेत मिलता है कि राज्य की राजधानी में पुलिस के संरक्षण में अवैध शराब का कारोबार फल फूल रहा है.
सिंह ने कहा कि सरकार को ठाकुर की टिप्पणियों के आधार पर कार्रवाई करनी चाहिए क्योंकि अवैध शराब कारोबार में शामिल लोगों की रिहाई के लिए पुलिस को रिश्वत देने की खातिर कथित तौर पर लड़कियों को बेचा जा रहा है.
वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता और राज्य महिला आयोग की सदस्य संगीता शर्मा ने कहा कि यह मध्यप्रदेश का दुर्भाग्य है कि एक सांसद बयान देकर यह बता रही हैं. यह बहुत दुखद और निंदनीय है.
संगीता शर्मा ने कहा कि 18 वर्षों से शिवराज सिंह सरकार ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ के बड़े-बड़े दावे कर रही है और राजधानी भोपाल में यह हालात हैं. यह साफ साबित करता है कि मध्यप्रदेश में जो बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हैं, वे झूठे हैं.
उन्होंने साथ ही मुख्यमंत्री से मांग की कि यह पता लगाया जाए कि बच्चियों को किसे बेचा जा रहा है और खरीदार कौन हैं.
शर्मा ने कहा कि सांसद को अव्यवस्थाओं का दुखड़ा रोने के बजाय खुद के गोद लिए गांवों की अव्यवस्थाओं के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए.
उन्होंने साध्वी प्रज्ञा से पूछा कि उन्होंने मामले में चुप्पी क्यों साध रखी है. संसद में इन गावों की स्थिति को लेकर आवाज क्यों नहीं उठाई? जब उन्होंने इन गांवों को गोद ले रखा है तो यहां ऐसी स्थिति क्यों हुई?
उन्होंने राज्य सरकार पर हमलावर होते हुए पूछा कि जब 3 गांवों की स्थिति यह है तो प्रदेश के हालात कैसे होंगे?
उन्होंने कहा, ‘हर दिन राज्य में नाबालिग बच्चियों के साथ बलात्कार और सामूहिक बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं. ऐसे में साध्वी प्रज्ञा को थोड़ी भी संवेदना है तो अपनी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने का साहस दिखाएं.’
उन्होंने महिला आयोग से इस घटना पर संज्ञान लेकर जांच करने का आग्रह किया है.
वहीं, कांग्रेस ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल से शिवराज सरकार को बर्खास्त कर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. सीएम शिवराज सिंह और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा के इस्तीफे के साथ इस मामले में तुरंत कार्रवाई की भी मांग की है.
मामले में मध्यप्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा का कहना है, ‘साध्वी जी हमारे परिवार की हैं, हमारी पार्टी की हैं. इस संबंध में उन्हें कोई भी जानकारी है तो हमें बताएं, कानून अपना काम करेगा.’