भोपाल– मप्र कांग्रेस का प्रदेश मुख्यालय,बाहर मुझे एक संघी मित्र मिलते हैं जो मंत्री कमल पटेल के कभी बहुत नजदीकी थे ,मित्र हैं तो मुझे देख रुके भी और जब मैंने उन्हें उनकी कार से नीचे उतरने को निवेदन किया तो वे बोले नए सत्ता के केंद्र के बाद मुझे क्यों खड़ा करवा रहे हैं,मैं अचंभित तो नहीं हुआ लेकिन पूछा “भाईसाब” हम सब एक देश के वासी हैं ,किसी की भी सत्ता रहे क्या फ़र्क़ पड़ता है ? इतना दुराव न रखिये,मेरी बातें और सुकोमल वचन सुन “भाईसाब” pcc कार्यालय के बाहर मुझसे गप्पें लड़ाने को तैयार हुए,उनकी बेचारगी के दिनों का मैं साथी रहा ही हूँ,गरियाने के बाद भी मुझे मानते हैं,खैर बात राजनैतिक परिदृश्य की होने लगी ,उनका डर सामने आया और उन्होंने भयभीत हो कहा,यदि,भाजपा हारी तो 50 सीटों पर सिमट जायेगी ,यह कांग्रेस की जीत नहीं होगी,भाजपा के दुष्कर्मों की हार होगी।
मुझे कुछ अजब इसमें नहीं लगा,मैंने कहा भाई साब आप तो भाजपा और संघ के घनघोर समर्थक हैं अपने और अपनी विचारधारा के लोगों को ही हिन्दू कहते हैं फिर इतना व्यथित क्यों हैं ,सरकार किसी की भी बने क्या फ़र्क़ पड़ेगा ,मसला तो जनता और राष्ट्र से हैं …….. राष्ट्रहित सर्वोपरि, वे बोले,नहीं भाई साब,मसला सिर्फ इतना नहीं जो भाजपा को वोट न दे वह हिन्दू ही नहीं अब ऐसा कह हम वोट अपनी तरफ करने का प्रयास कर रहे हैं ,इसके सिवाय कोई चारा नहीं,वर्षों जनता को बेवकूफ बनाया और सत्ता की मलाई चाटी,नरेंद्र सिंह तोमर इसके उदाहरण हैं,हमने डर है कहीं हम हिन्दू सत्ता के दूर न हों जाएँ ……. अब बिना सत्ता के हमारा जीवन व्यर्थ है ,हमें इसकी आदत पड़ चुकी है…… मैनें उन्हें समझाने का प्रयास किया की भाईसाब आप परेशान न हों हम सनातनी हैं और ईश्वरवादी हैं,हम कर्मफल पर भरोसा रखते हैं जैसी करनी,वैसी भरनी पर हमें भरोसा है,आप निश्चिन्त हो जाईये यदि कांग्रेस की सत्ता आती भी है तब भी आपको पोषित ही किया जाएगा जैसे पहले किया जाता था ताकी आप जब सत्ता में आएं तो इन्हीं मटियामेट करने का संकल्प लें.
अनिल कुमार सिंह “धर्मपथ के लिए”