Landslide crisis in Uttarakhand, देहरादून : उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव संकट (landslide crisis in Joshimath) के मद्देनजर नृसिंह मंदिर परिसर में स्थित भगवान बदरी विशाल के खजाने को लेकर अधिकारी चिंतित हैं कि इसे सुरक्षित रूप से कहां रखा जाए. हालांकि, मंदिर पदाधिकारियों ने दावा किया कि अभी मंदिर भू-धंसाव से सुरक्षित है, लेकिन उन्होंने इस बात पर चर्चा शुरू कर दी है कि नगर पर संकट बढ़ने की स्थिति में बड़ी मात्रा में सोने और चांदी के अलावा चढ़ावा के रूप में प्राप्त अन्य सामान को कहां रखा जा सकता है.
सर्वाधिक प्रभावित सिंहधार वार्ड और जेपी कॉलोनी के नृसिंह मंदिर से केवल आधा किलोमीटर की हवाई दूरी पर स्थित होना अधिकारियों की परेशानी को और बढ़ा रहा है. गवान बदरीनाथ के खजाने में 40-45 किलो सोना और 30-35 किलो चांदी के अलावा चढ़ावा के रूप में मिले अन्य सामान हैं.
सर्दियों में बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने के साथ ही शीतकाल में छह माह के लिए बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति का मुख्य कार्यालय बदरीनाथ से जोशीमठ नगर में नृसिंह मंदिर परिसर में आ जाता है. इसी के साथ भगवान बदरीनाथ का कोष और खजाना भी हर साल इस मंदिर में आ जाता है. यह परंपरा मंदिर समिति के गठन के समय से ही बनी हुई है.
मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया, नृसिंह मंदिर और उसके परिसर में अभी तक कोई दरारें नहीं हैं. लेकिन एहतियात के तौर पर हम एक वैकल्पिक योजना बना रहे हैं कि अगर जरूरी हुआ तो खजाने को कहां ले जाया जाए. उन्होंने कहा कि मुख्यरूप से जोशीमठ के समीप पीपलकोटी और पांडुकेश्वर जैसे स्थानों पर बातचीत हो रही है जहां मंदिर समिति के अतिथि गृह और आवास पहले से मौजूद हैं.
अजय ने कहा, हम भगवान विष्णु से प्रार्थना कर रहे हैं कि खजाना कहीं और ले जाने की नौबत ही न आये और विपदा टल जाए. भगवान बदरीनाथ के खजाने में 40-45 किलो सोना और 30-35 किलो चांदी के अलावा चढ़ावा के रूप में मिले अन्य सामान हैं.
बता दें कि नगर में सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है और अभी तक 849 भवनों में दरारें पाईं गई हैं, जिनमें से 181 भवन असुरक्षित क्षेत्र में स्थित हैं.अब तक 258 परिवार सुरक्षा को देखते हुए अस्थायी रूप से विस्थापित किए गए हैं, जिनके सदस्यों की संख्या 865 है.
जोशीमठ में बुधवार को लोकनिर्माण विभाग के डाक बंगले के साथ दो निजी भवनों को तोड़े जाने के आदेश जिलाधिकारी ने दे दिए. अपर जिला सूचना अधिकारी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, तोड़े जाने वाले दो मकानों में पांच परिवार रहते थे और असुरक्षित घोषित होने के बाद उन्होंने उन्हें तोड़े जाने की लिखित में सहमति दे दी है.
लोक निर्माण विभाग के डाक बंगले को भी वैज्ञानिक तरीके से तोड़ने के आदेश दिए गए हैं. इससे पूर्व, होटल माउंट व्यू, होटल मलारी इन को वैज्ञानिक तरीके से केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान की निगरानी में तोड़े जाने के आदेश दिए गए थे, जिन्हें तोड़े जाने की प्रक्रिया जारी है.