पिछले साल की तुलना में 100 करोड़ अधिक
मध्यप्रदेश में वर्ष 2007 से संचालित की जा रही लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए इस साल के बजट में सबसे अधिक850 करोड़ रुपये का प्रावधान रखा गया है। बजट की यह राशि पिछले साल की तुलना में 100 करोड़ रुपये अधिक है। योजना के शुरूआती वर्ष 2007-08 में मात्र 26 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान था। बाद के वर्षों में बजट राशि में क्रमशः बढ़ोत्तरी होती रही, जिससे योजना को लगातार सफलता और लोकप्रियता मिली। योजना के प्रारंभ होने से अब तक 14लाख 45 हजार 931 बालिकाओं को इसका लाभ मिला है।
लाभान्वित हितग्राही |
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वर्ष 2007-08 |
40,854 |
वर्ष 2008-09 |
1,86,803 |
वर्ष 2009-10 |
2,13,874 |
वर्ष 2010-11 |
3,05,228 |
वर्ष 2011-12 |
3,80,260 |
वर्ष 2012-13 |
2,48,000 |
वर्ष 2013-14(अब तक) |
70,912 |
कुल |
14,45,93 |
वर्ष 2008-09 में लाड़ली लक्ष्मी योजना के लिए राज्य सरकार ने बजट में 108 करोड़ 99 लाख रुपये की वृद्धि कर उसे 134 करोड़ 99लाख रुपये किया था। वर्ष 2009-10 में बजट राशि में पुनः 115 करोड़37 लाख रुपये की वृद्धि कर उसे 250 करोड़ 36 लाख रुपये किया गया। जन-समुदाय द्वारा इसे लगातार अपनाये जाने पर वर्ष 2010-11 के बजट में 323 करोड़ 46 लाख रुपये की राशि रखी गई। पिछले वर्ष 2011-12 में योजना पर 694 करोड़ रुपये व्यय किये गये थे।
लाड़ली लक्ष्मी योजना की ग्राम-स्तर तक बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2012-13 के बजट में 750 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया था। चालू माली साल 2013-14 के लिये 850करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो गत वर्ष की तुलना में 100करोड़ अधिक है।
बजट राशि(करोड़ में) |
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वर्ष 2007-08 |
26.00 |
वर्ष 2008-09 |
134.99 |
वर्ष 2009-10 |
250.36 |
वर्ष 2010-11 |
323.46 |
वर्ष 2011-12 |
694.00 |
वर्ष 2012-13में |
750.00 |
वर्ष 2013-14 |
850.00 |
कुल व्यय राशि |
3028.81 |
प्रदेश सरकार ने लाड़ली लक्ष्मी योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए 559पद का नियमित वेतनमान में सृजन भी किया है। योजना लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 के दायरे में शामिल है। इसके तहत पात्र हितग्राही को 30दिन में प्रकरण की स्वीकृति प्रदान की जाती है।
योजना के प्रारंभिक वर्ष से मार्च 2013 तक इसके क्रियान्वयन पर 2872करोड़ 81 लाख रुपये खर्च किये जा चुके थे। मौजूदा साल की उपलब्ध बजट राशि 850 करोड़ रुपये को मिलाकर अगले मार्च, 2014 तक इस पर 3028करोड़ 81 लाख रुपये खर्च होंगे, जो बालिकाओं के हित में अपने आप में एक न