Saturday , 6 July 2024

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आज है वर्ष की सबसे उत्तम अमावस्या

surya-namaskaआज भाद्र मास ही अमावस्या तिथि है। इस अमावस्या तिथि का शास्त्रों बड़ा महत्व बताया गया है। क्योंकि इस दिन ही पूरे वर्ष भगवान की पूजा और श्राद्घ आदि कर्मों के लिए कुश का संग्रह किया जाता है। इसलिए इसे कुश ग्रहणी अमावस्या भी कहा जाता है।

शास्त्रों में बताया गया है कि भगवान की पूजा एवं दानादि कर्म के समय हाथ में कुश जरूर होना चाहिए अन्यथा पूजा और कर्मों का फल नहीं मिलता है। ‘पूजाकाले सर्वदैव कुशहस्तो भवेच्छुचि:। कुशेन रहिता पूजा विफला कथिता मया।।

हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार कुश ग्रहणी अमावस्या के दिन प्रातः सूर्योदय के समय पूर्व या उत्तरमुख की ओर बैठकर ‘ओम हुं फट्’ मंत्र बोलते हुए भूमि से कुश उखाड़ना चाहिए।

कुश ग्रहणी अमावस्या का महत्व मात्र इसलिए नहीं है कि इस दिन वर्ष भर के कर्म के लिए कुश ग्रहण किया जाता है। इसका महत्व इसलिए भी है कि क्योंकि इसदिन पितारों की पूजा और श्राद्घ करने से पितर संतुष्ट और प्रसन्न होते हैं। इस दिन किए गए स्नान दान का कई गुणा पुण्य प्राप्त होता है।

अमावस्या तिथि के दिन सोमवार, मंगलवार, गुरूवार अथवा शनिवार होने पर इसका महत्व और भी बढ़ जाता है। कुश ग्रहणी अमावस्या के साथ गुरूवार होने से इस वर्ष यह अमावस्या विशेष फलदायी है।

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