अमृत काल वैदिक ज्योतिष से एक शब्द है. इसका मतलब है कि किसी भी नए काम की शुरुआत के लिए सही समय. यही वह समय है जब बड़ी से बड़ी उपलब्धि को हासिल किया जा सकता है.अमृत में सब काम करें। सहाय करे करतार।। अर्थात चर में यात्रा वाहन मशीन संबंधित कार्य करने चाहिए। उद्वेग में जमीन से संबंधित काम तथा स्थायी कार्य करना चाहिए।
15 अगस्त 2022 को आजादी का 75वां वर्ष पूर्ण हो जाएगा. अतः 75 सप्ताह पूर्व ही आजादी का अमृत महोत्सव शुरू हो चुका है
इस महोत्सव के लिए हर राज्य अपने-अपने स्तर पर तैयारियां कर रहा है. हम सभी जानते हैं कि 12 मार्च 1930 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने नमक सत्याग्रह की शुरुआत की थी
2021 में नमक सत्याग्रह के 91 वर्ष पूरे होने पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने साबरमती आश्रम से अमृत महोत्सव की शुरुआत पदयात्रा को हरी झंडी दिखाकर की, इस महोत्सव के कार्यक्रम वर्ष 2023 तक चलेंगे
आजादी के अमृत महोत्सव का उद्देश्य
आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का उद्देश्य लोगों को स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और त्याग के बारे में जानकारी देना है
हमारे इतिहास में बहुत से ऐसे स्वतंत्रता सेनानी हुए जिन्होंने देश पर जान न्यौछावर की, परन्तु हम कुछ ही के नाम जानते हैं. इस महोत्सव के जरिये देश उन गुमनाम नायकों को ढूंढकर उनकी वीरगाथाएं सबके सामने लाएगा
आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान बीते 75 साल पर विचार, 75 साल पर उपलब्धियां, 75 पर एक्शन और 75 पर संकल्प शामिल हैं
जो स्वतंत्र भारत के सपनों को साकार करने के लिए आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगे. इस आयोजन के माध्यम से ‘वोकल फॉर लोकल अभियान’ को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है
देशभर में 75 सप्ताह स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. जिसके जरिए देशभक्ति का संदेश देने और भारतीय संस्कृति की झलक दिखाने की कोशिश की जाएगी
पीएम मोदी के अनुसार, “आजादी का अमृत महोत्सव यानी आजादी की ऊर्जा का अमृत, आजादी का अमृत महोत्सव यानी वीर सेनानियों से प्रेरणाओं का अमृत, आजादी का अमृत महोत्सव यानी नए विचारों का अमृत नए संकल्पों का अमृत, आजादी का अमृत महोत्सव यानी आत्मनिर्भरता का अमृत”
आजादी का अमृत महोत्सव प्रत्येक देशवासी के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसके माध्यम से हम भविष्य पर निगाह रखते हुए देश की आजादी के संघर्ष के गौरवशाली इतिहास को भी याद रखेंगें
इस महोत्सव ने हमें अवसर दिया है कि हम देशवासी अपनी कमजोरियों को जानें व उनका आकलन करें मगर उनसे लज्जित न हों
आत्मसम्मान के साथ आगे बढ़ें. भारत के पास गर्व करने के लिए अथाह भंडार है, समृद्ध इतिहास है, चेतनामय सांस्कृतिक विरासत है जो हमें ऊंची उड़ान भरने के लिए शक्तिशाली पंख देती है
इसीलिए यह आशा की जा सकती है कि यह महोत्सव नई पीढ़ी में लोकतांत्रिक संस्थाओं के प्रति सम्मान पैदा करेगा और उनमें आजादी पाने के लिए दिए गए बलिदानों की स्मृति जगाते हुए एक आदर्श समाज की रचना की प्रेरणा देगाआज देश में निराशाओं के बीच आशाओं के दीप जलने लगे हैं. एक नई सभ्यता और एक नई संस्कृति करवट ले रही है
नये राजनीतिक मूल्यों और नये विचार लिए हुए आजाद मुल्क की एक ऐसी गाथा लिखी जा रही है. जिसके फलस्वरूप देश सशक्त होने लगा है, न केवल भीतरी परिवेश में बल्कि दुनिया की नजरों में भारत अपनी एक स्वतंत्र पहचान लेकर उपस्थित है
अगर देश इसी प्रकार अपनी सांस्कृतिक पहचान को साथ लिए आधुनिकता की राह पर आगे बढ़ता रहा तो अवश्य ही एक दिन भारत विश्वगुरु बनकर महाशक्ति के रूप में खड़ा होगा
“आजादी का ये जश्न हम सब को मिलकर मनाना होगा,
जन-जन की भागीदारी से आत्मनिर्भर भारत बनाना होगा”
पीएम नरेंद्र मोदी और उनसे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमृत काल की बात की थी. पीएम ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने भाषण में भी कई बार अमृत काल का जिक्र किया लेकिन इसका मतलब क्या है? क्या आप जानते हैं कि अमृत काल क्या होता है? आखिर पीएम ने इस शब्द का इस्तेमाल क्यों किया? अमृत काल वैदिक ज्योतिष से एक शब्द है. इसका मतलब है कि किसी भी नए काम की शुरुआत के लिए सही समय. यही वह समय है जब बड़ी से बड़ी उपलब्धि को हासिल किया जा सकता है. पीएम ने अपने भाषण में महत्वकांक्षी युवाओं की बात की. उन्होंने कहा कि युवा निरंतर अपनी जिंदगी में बेहतर पाने की कोशिश जारी रखते हैं. वे बेहत सुविधाओं और संसाधनों के लिए जिंदगीभर इंतजार में नहीं बैठते.
पीएम ने अपने भाषण में कहा कि आने वाले 25 साल हमारे देश और 130 करोड़ की आबादी के लिए बेहद खास होने वाले हैं. पीएम ने इस 25 साल के समय को अमृत काल कहा. उन्होंने देश के युवाओं पर भरोसा जताया. उन्होंने कहा कि हमारे युवा देश के हर सपने को सच कर सकते हैं.