नई दिल्ली : ‘स्लैपगेट’ कांड के पांच साल बाद एस श्रीसंत ने आज पुराने जख्मों को ताजा करते हुए कहा कि पूरी घटना सुनियोजित थी और हरभजन सिंह ‘ पीठ में छुरा घोंपने वाला इंसान’ हैं। श्रीसंत ने 2008 में हुई उस घटना के बारे में आज ट्विटर पर कई खुलासे किये जिससे आईपीएल में ताजा विवाद पैदा हो गया है। इससे पहले कल गौतम गंभीर और विराट कोहली भी मैदान पर भिड़ गए थे।
श्रीसंत ने ट्विटर पर लिखा ,‘‘ मुझे कोई शिकायत नहीं है। लेकिन मैं सभी को सच बताना चाहता हूं । भज्जी ने मुझे थप्पड़ नहीं मारा। वीडियो से पता चल जायेगा कि उसने क्या किया।’’ उसने कहा ,‘‘ सभी ने जज्बाती होने के लिये मुझे कसूरवार ठहराया। कौन जज्बाती नहीं होगा जब उसे पता चलेगा कि जिस इंसान की आप पूजा करते हो , वह पीठ में छुरा घोंपने वाला है।’’ उसने कहा ,‘‘ यह घिनौना है। मैं इतना ही कह सकता हूं। आप उस वीडियो को देखिये जिससे सच पता चल जायेगा। वह पूरी तरह से बेकाबू था।’’ राजस्थान रायल्स के लिये आईपीएल खेल रहे श्रीसंत ने कहा कि उस वाक्ये का वीडियो सार्वजनिक होना चाहिये। उसने कहा,‘‘ मैं चाहता हूं कि भज्जी को बुरा लगे। मैं चाहता हूं कि दुनिया को सच का पता चले । जो हुआ वह बुरा था लेकिन यह मेरी गलती नहीं है।’’
श्रीसंत ने यह भी कहा कि हरभजन ने उसे तमाचा नहीं बल्कि कोहनी मारी। उसने कहा ,‘‘ मैं चाहता हूं कि दुनिया यह देखे। जब मैं मैच के बाद हाथ मिलाने गया तो वह बेकाबू हो गया। उसने पहले ही मुझे कोहनी मारने की सोच रखी थी।’’ इस तेज गेंदबाज ने कहा,‘‘ इसमें मेरी कोई गलती नहीं थी और क्रिकेट में या आईपीएल मैचों में कुछ भी खराब होता है तो मेरी उससे तुलना की जाती है। लेकिन जब आप किसी ऐसे आदमी में बड़ा बदलाव देखने लगे जिस पर आप अटूट विश्वास करते हैं। ऐसा ही हुआ था। उसने मुझे थप्पड़ नहीं मारा था।’’ हरभजन और श्रीसंत का फिर आमना सामना 17 अप्रैल को होगा जब राजस्थान रायल्स की टक्कर मुंबई इंडियंस से होगी।
उस समय श्रीसंत किंग्स इलेवन पंजाब के लिये खेलते थे और हरभजन मुंबई टीम में ही थे। मैच के बाद हुई घटना के बाद श्रीसंत रो पड़ा था। हरभजन पर प्रतिबंध लग गया था जबकि श्रीसंत को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। श्रीसंत ने कहा,‘‘ उसका अपने गुस्से पर काबू नहीं था। एक और बात मैं कहना चाहता हूं कि नानावटी सर को सच पता है और सारे आईपीएल को।’’ उसने कहा ,‘‘ भज्जी ने मुझे कभी तमाचा नहीं मारा। मैं अपने स्वाभाविक अंदाज में खेल रहा था। उसने आपा खोया। मुंबई का कप्तान होने के नाते वह गुस्से में बेकाबू हो गया।’’ एक अखबार ने आज गंभीर और कोहली के टकराव की तुलना ‘स्लेपगेट’ कांड से की जिससे श्रीसंत का पारा चढ गया है। उसने कहा ,‘‘ निराशाजनक है कि कल गौतम भाई और विराट की घटना की तुलना उससे की गई।’’
श्रीसंत ने कहा ,‘‘ मुझे दुख है कि सार्वजनिक रूप से यह बात कह रहा हूं। मेरी जगह खुद को रखकर देखिये। एक मिनट के लिये ही। आपको पता चलेगा कि मुझे कैसा लगा होगा।’’ उसने यह भी कहा कि इंटरनेट पर उपलब्ध उस घटना के वीडियो से असलियत का पता नहीं चलता।
उसने कहा,‘‘ यूटयूब पर उपलब्ध सभी वीडियो मजाक उड़ाने वाले हैं। इससे लगता है कि मैं कोई …. हूं। यह बुरी बात है। असली वीडियो सामने नहीं आया है। पिछले पांच छह साल से मैं चुप था लेकिन अब नहीं। आप सभी को जो पता है, उससे आगे कई बातें हैं ।’’ श्रीसंत ने कहा ,‘‘ मैं आगे बढ चुका हूं लेकिन यह सब बकवास पढकर बुरा लगता है। बहुत हो गया। वैसे मीडिया का शुक्रिया।’’ उसने कहा कि उसे यह कहने पर मजबूर किया गया कि उस मामले में उसकी गलती थी।
उसने कहा ,‘‘ मुझे यह कहने के लिये कहा गया कि मेरी भी गलती थी लेकिन मेरी गलती नहीं थी । यह दुखद है।’’ श्रीसंत ने कहा ,‘‘ शायद भज्जी किसी बात पर भड़क गया हो लेकिन उसने ऐसा क्यों किया। मैं एक बात साफ कर दूं कि वह स्लेपगेट कांड नहीं था।’’ उसने कहा कि उसे इस तरह की कोई घटना चेतावनी मिली थी।
उसने कहा,‘‘ मैं इसलिये जज्बाती हो गया क्योंकि कुछ लोगों ने यह साजिश रची थी और कुछ को इसका पता था और मुझे चेतावनी भी मिली थी लेकिन मैने कभी ऐसा सोचा नहीं था। यह दुखद है और मीडिया आज तक इस पर बात कर रहा है। बुरा लगता है। स्लैप, थप्पड़..। यह सही नहीं है।’