उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा है कि केदारनाथ मंदिर परिसर में अभी भी छह से सात फुट मलावा पड़ा है। मलवे को हटाने का काम तेजी से चल रहा है। आने वाले 11 सितम्बर से पुनः केदारनाथ की पूजा शुरू हो सकती है। लेकिन इस बार केदारनाथ के साथ उस शिला की भी पूजा होगी जिसने केदारनाथ मंदिर की रक्षा की।
ज्ञात हो कि 16 जून को जब केदारनाथ में तबाही आयी थी और केदारनाथ परिसर में मौजूद अन्य मंदिर, दुकान एवं मकान सैलाब में तबाह हो गये। देश हैरान था कि मंदिर कैसे सलामत रह गया। बाद में पता चला कि सैलाब के साथ करीब 30-40 फुट का एक शिलाखंड आकर मंदिर के पीछे ठहर गया।
किसी चमत्कार से कम नहीं केदारनाथ मंदिर का बचना
इसने सैलाब का रूख मंदिर से मोड़कर दो दिशाओं में बांट दिया जिससे मंदिर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा। श्रद्घालुजन इस चट्टान को शिव लीला का भाग मान रहे हैं जिसने ढ़ाल बनकर मंदिर की हिफाजत की। इस चट्टान को सम्मान देने के लिए अब केदारनाथ के साथ इसकी भी पूजा की जाएगी।