उत्तराखंड में मृतकों के अंतिम संस्कार की विधि और केदारनाथ ज्योतिर्लिग शिफ्ट करने के मुद्दे पर केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती से मार्गदर्शन मांगा।
शंकराचार्य ने उनसे कहा है कि ज्योतिर्लिग को अन्य जगह शिफ्ट नहीं किया जा सकता। पचौरी ने इससे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को भी अवगत करा दिया है।
इन नेताओं ने शंकराचार्यजी को बताया था कि केदारनाथ के मुख्य पुजारी ने ज्योतिर्लिग शिफ्ट करने का प्रस्ताव दिया है। इस पर हरिद्वार के कनखल क्षेत्र में शंकराचार्यजी ने 13 अखाड़ों के प्रमुखों से विचार-विमर्श किया। इसके बाद उन्होंने शिंदे और पचौरी को बताया कि ज्योतिर्लिग को शिफ्ट करने से धार्मिक महत्व खत्म हो जाएगा। ऐसा करना संभव नहीं है। यदि पुजारी ऐसा चाहते हैं तो उन्हें ही पद से हटा दिया जाए।
शंकराचार्यजी ने कहा कि मंदिर का जीर्णोद्धार किस तरीके से करना है यह बाद में तय किया जाएगा। इसी तरह मृतकों के अंतिम संस्कार के मुद्दे पर शंकराचार्यजी ने कहा कि शवों को गंगा में नहीं बहा सकते। इससे प्रदूषण बढ़ेगा। वैदिक रीति से दाह संस्कार किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार चाहे तो उनके भक्त अंतिम संस्कार का खर्च उठाने को तैयार हैं। इसके बाद पचौरी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से लंबी मंत्रणा की और शंकराचार्यजी के मत से अवगत कराया। उन्होंने राष्ट्रपति से प्रभावितों को पर्याप्त मदद दिलाने की अपील भी की।