काशी – गंगा जी के घाट किनारे स्थित यह मंदिर केवल २ घंटो के लिए (प्रातः ५ से ७ तक ) ही खुलता है। ये प्रथा युगो से चली आ रही है पर कोई इसका कारण नहीं जानता। मनमंदिर घाट पर स्थित देवी वाराही का यह मंदिर रहवासी स्थानों के मध्य स्थित है ,काशी की प्रसिद्ध गलियों से होकर यहाँ D 16/84 पते पर पहुंचा जा सकता है. प्रातः तय समय पर पुजारी आरती का थाल बाहर श्रद्धालुओं के सामने भेजते हैं इस स्थान पर एक छोटी खिड़की से माँ वाराही के चरणों के दर्शन होते हैं.
यहाँ का तीर्थस्थल भूमिगत मार्ग से होकर जाता है तथा पुरोहितो को भूमि के अंदर बने सीढ़ियों से जाना पड़ता है। पुरोहित के अलावा और किसी को नीचे जाने की अनुमति नहीं है। देवी को भी यहाँ ऊपर बने बने दो छिद्रो से देखना पड़ता है। एक छिद्र से देवी का चेहरा और दूसरे से चरणो के दर्शन होते है। पुराणो के अनुसार यह माना जाता है की देवी माँ अपनी ६४ योगिनिओ और वाराही के साथ काशी में रहने आयीं थीं । चौसठ योगिनी घाट पर इन 64 योगिनिओ के लिए मंदिर है।
इस मंदिर में कोई विशेष पूजा नहीं होती सिवाय दैनिक कार्यक्रमों के। भक्त यहाँ क़ानूनी समस्याओ या आधिकारिक समस्याओ से राहत प्राप्त करने हेतु पूजा करते है। #varanasi, #varhi_devi_temple , kashi_ghat