नई दिल्ली, 7 नवंबर – करतारपुर गलियारे के उद्घाटन से पहले पाकिस्तान की ओर से आ रहे विवादित संदेशों के बीच भारत ने गुरुवार को कहा कि देश से जाने वाले तीर्थयात्रियों को सीमा पार करतारपुर साहिब गुरुद्वारे तक पहुंचने के लिए अपना पासपोर्ट लेकर जाना होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यहां एक ब्रीफिंग में कहा कि कॉरिडोर का उद्घाटन शनिवार को किया जाने वाला है लेकिन अभी भी पाकिस्तान के सैन्य मीडिया विंग के ताजा ट्वीट के बाद भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
कुमार ने कहा कि भारत सरकार करतारपुर गलियारे पर दोनों पक्षों के बीच हुए द्विपक्षीय समझौते के तहत काम करेगी।
उन्होंने कहा, “एक द्विपक्षीय दस्तावेज है, जो दोनों पक्षों के बीच हस्ताक्षरित किया गया है। यह स्पष्ट रूप से यात्रा को शुरू करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों को निर्दिष्ट करता है।”
पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) मेजर जनरल आसिफ गफूर ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि भारतीय सिख तीर्थयात्रियों को करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने के लिए पासपोर्ट की आवश्यकता होगी।
जबकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक नवंबर को ट्वीट कर कहा था कि आगंतुकों के लिए पहचान और पूर्व पंजीकरण के लिए किसी भी पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं होगी।
गफूर के बयान के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं होगी।
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में करतारपुर साहिब गुरुद्वारा भारतीय सीमा से 4.5 कि. मी. दूर स्थित है। गलियारे के माध्यम से इस गुरुद्वारे में पूरे वर्ष भारतीय तीर्थयात्री यात्रा कर सकेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, “समझौता ज्ञापन (एमओयू) में कोई संशोधन एकतरफा नहीं किया जा सकता है। इसके लिए दोनों पक्षों की सहमति आवश्यक है।”
उन्होंने कहा कि नौ नवंबर को और इसके बाद होने वाली यात्राओं के लिए उन चीजों का पालन करना होगा, जो एमओयू में शामिल हैं। इसका पालन तब तक करना होगा, जब तक पाकिस्तान की ओर से इस संबंध में कोई भी संशोधन या प्रावधान को शामिल करने का अनुरोध नहीं किया जाता।
यह पूछे जाने पर कि क्या पाकिस्तान ने नौ नवंबर को गलियारे का उपयोग करने के लिए 550 प्रतिनिधियों की सूची की पुष्टि की है, तो उन्होंने कहा कि अभी तक पाकिस्तान ने इस सूची पर रुख स्पष्ट नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को यात्रा से कम से कम चार दिन पहले इस सूची की पुष्टि करनी थी। अब यात्रा एक दिन बाद ही होनी है, ऐसे में हम मानकर चल रहे हैं कि हमारी सूची की पुष्टि हो गई है और हम जत्थे में शामिल होने वालों को इसी के हिसाब से सूचित कर रहे हैं।
कुमार ने कहा कि जत्थे में पूर्व प्रधानमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री जैसी हस्तियां भी हैं, इसलिए पाकिस्तान को इनकी सुरक्षा की विशेष व्यवस्था करनी चाहिए।