नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के स्टॉक से राज्य सरकारों को गेहूं और चावल की बिक्री बंद कर दी है. केंद्र के इस कदम से कर्नाटक चुनाव से पहले कांग्रेस की ओर से जनता को दी गई दूसरी गारंटी, सभी बीपीएल परिवारों को प्रति व्यक्ति प्रति माह 10 किलो खाद्यान्न प्रदान करने वाली अन्न भाग्य योजना को लागू करने में झटका लगा है.
कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र की भाजपा सरकार पर कर्नाटक को गरीबों को अनाज की आपूर्ति करने से रोकने के लिए ‘राजनीतिक निर्णय’ लेने का आरोप लगाया है.
सिद्धारमैया ने एफसीआई को सीधे राज्य को चावल बेचने की अनुमति नहीं देने के ‘कन्नड विरोधी’ और ‘गरीब विरोधी’ फैसले के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की है.
कर्नाटक सरकार ने अपने महत्वाकांक्षी अन्न भाग्य योजना के लिए 3,400 रुपये प्रति क्विंटल पर 2.28 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदने के लिए सोमवार (12 जून) को एफसीआई के साथ समझौता किया था.
कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र में इस योजना को शुरू करने का वादा किया था. यह उसके द्वारा किए गए पांच गारंटी के वादों में एक थी, जिसके तहत सभी बीपीएल और अंत्योदय कार्ड धारक 10 किलो मुफ्त चावल के पात्र होंगे. योजना एक जुलाई से शुरू होनी है.