जबलपुर -नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के मामले में पुलिस ने शहर के जाने-माने उद्योगपति और सिटी हॉस्पिटल के संचालक सरबजीत सिंह मोखा के खिलाफ FIR दर्ज की है. मोखा पर आरोप है कि इसने 500 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन कोविड मरीजों को लगा दिए. इन मरीजों में से कई की मौत होने की आशंका जताई जा रही है. पुलिस की टीमें सरबजीत की तलाश कर रही हैं.जबलपुर की ओमती थाना पुलिस ने इस मामले में धारा 274, 275, 308, 420 समेत डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया.
पुलिस के मुताबिक, सरबजीत सिंह मोखा ने सपन जैन के साथ मिलकर बड़ी संख्या में यह नकली इंजेक्शन मरीजों को दिए हैं. इस वजह से कई मरीजों को अपनी जान तक खोनी पड़ी है. पुलिस ने इस मामले में सिटी हॉस्पिटल में कार्यरत मैनेजर देवेश चैरसिया पर भी मामला दर्ज किया.गुजरात में नकली इंजेक्शन की फैक्ट्री पर पुलिस ने कुछ दिनों पहले रेड मारी थी. जांच में पता चला था कि करीब एक लाख फर्जी रेमडेसिविर इंजेक्शन देशभर के अलग-अलग राज्यों में बेचे गए हैं. इसी कड़ी में गुजरात पुलिस 7 मई को जबलपुर आई और आधारताल निवासी दवा व्यवसायी सपन जैन को गिरफ्तार कर ले गई. इसके बाद जबलपुर पुलिस भी हरकत में आई थी और लगातार दो दिनों से ताबड़तोड़ छापे मारे. सपन जैन की तीन दवा दुकानों को पहले ही सील कर दिया गया था, जबकि पूछताछ में दो बड़े अस्पतालों के नाम भी सामने आए थे.
सरबजीत सिंह मोखा पहले अपना हाथ इस मामले में होने से इंकार करते रहे थे लेकिन बाद की तफ्शीश में उनका नाम इस काण्ड में पाया गया.अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा जबलपुर वीएचपी का जिला अध्यक्ष भी है और शहर के अन्य आर्थिक विवादों में इसका नाम पहले भी आता रहा है.