कोलकाता: कीरॉन पोलार्ड की विषम परिस्थितियों में खेली गई तूफानी पारी तथा तेज और स्पिन मिश्रित आक्रमण के कमाल के प्रदर्शन के आगे महेंद्र सिंह धोनी की धैर्य-भरी पारी किसी काम नहीं आई, और मुंबई इंडियन्स ने दो बार के चैम्पियन चेन्नई सुपरकिंग्स पर 23 रन से जीत दर्ज करके पहली बार आईपीएल का खिताब अपने नाम किया।
पोलार्ड ने केवल 32 गेंदों पर सात चौकों और तीन छक्कों की मदद से नाबाद 60 रन बनाए, और उनके अलावा अंबाती रायुडू ने 37 रन का योगदान दिया, जिससे टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी के लिए उतरे मुंबई इंडियन्स ने नौ विकेट पर 148 रन बना लिए। लीग चरण में मुंबई के खिलाफ ही 79 रन पर ढेर होने वाली चेन्नई के आठ विकेट 58 रन पर निकल गए।
कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने 45 गेंद पर तीन चौकों और पांच छक्कों की मदद से नाबाद 63 रन बनाए, लेकिन इसके बावजूद स्पॉट फिक्सिंग के कारण चर्चा में चल रही चेन्नई की टीम नौ विकेट पर 125 रन ही बना पाई। मुंबई पहली बार आईपीएल चैम्पियन बना है, और उसने इस जीत से चेन्नई से वर्ष 2010 के फाइनल और इस साल पहले क्वालीफायर में मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया। मुंबई को विजेता बनने पर 10 करोड़ रुपये मिले हैं, जबकि चेन्नई को सात करोड़ 50 लाख रुपये से संतोष करना पड़ा।
मुंबई की जीत में पोलार्ड की धुआंधार पारी के बाद गेंदबाजों ने बेहद अहम भूमिका निभाई। मुंबई की तरफ से मिशेल जॉनसन, लसिथ मलिंगा और हरभजन सिंह ने दो-दो विकेट चटकाए, और इनके अलावा पोलार्ड ने चार ओवर में 34 रन देकर एक विकेट लिया। मुंबई की जीत से आईपीएल के छठे संस्करण में सर्वाधिक 32 विकेट लेकर पर्पल कैप हासिल करने वाले चेन्नई के ड्वेन ब्रावो का प्रदर्शन फीका पड़ गया। उन्होंने इस मैच में 42 रन देकर चार विकेट हासिल किए, जबकि एल्बी मोर्कल ने तीन ओवर में 12 रन देकर दो विकेट लिए।
चेन्नई सुपर किंग्स की शुरुआत बेहद खराब रही। उसने तीन रन के कुल योग पर तीन अहम विकेट गंवा दिए थे। लीग और प्लेऑफ दौर में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले माइकल हसी (1) को लसिथ मलिंगा ने बोल्ड किया। शानदार फार्म में चल रहे सुरेश रैना (0) को मलिंगा ने ड्वेन स्मिथ के हाथों कैच कराया, और फिर एस बद्रीनाथ को मिशेल जॉनसन ने खाता भी नहीं खोलने दिया।
गेंदबाजी में कमाल करते हुए चार विकेट झटकने वाले ड्वेन ब्रावो (15) बल्ले के साथ कुछ धमाल नहीं मचा सके और 35 रन के कुल योग पर ऋषि धवन की गेंद पर जॉनसन के हाथों लपके गए। ब्रावो ने 16 गेंदों पर तीन चौके लगाए। ब्रावो का विकेट छठे ओवर की अंतिम गेंद पर गिरा था और फिर सातवें ओवर की चौथी गेंद पर हरभजन सिंह ने रवींद्र जडेजा (0) को भी पोलार्ड के हाथों कैच कराकर सुपर किंग्स को पांचवां झटका दिया।
काफी देर तक विकेट पर टिके रहकर एक छोर पर लगातार विकेटों को गिरते देख रहे मुरली विजय (18) को जॉनसन ने 39 रनों के कुल योग पर पैवेलियन की राह दिखाई। मुरली ने 20 गेंदों पर दो चौके लगाए। मुरली के रूप में जॉनसन ने अपना दूसरा विकेट हासिल किया, जबकि वह सुपर किंग्स के लिए छठा झटका था।
इससे पहले, दूसरी बार फाइनल में पहुंची मुंबई की टीम ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करते हुए खराब शुरुआत के बाद कीरॉन पोलार्ड (नाबाद 60) की उम्दा पारी की मदद से सम्भलते हुए निर्धारित 20 ओवरों में नौ विकेट पर 148 रन बनाए थे। चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से ड्वेन ब्रावो ने चार, एल्बी मोर्कल ने दो तथा मोहित शर्मा और क्रिस मौरिस ने एक-एक विकेट हासिल किए।
शुरुआत मुंबई की भी बेहद खराब रही थी, और उन्होंने 16 रन के कुल योग पर ड्वेन स्मिथ (4), आदित्य तारे (0) और कप्तान रोहित शर्मा (2) के विकेट गंवा दिए थे, लेकिन इसके बाद दिनेश कार्तिक (21) ने रायुडू के साथ मिलकर चौथे विकेट के लिए 36 रन जोड़कर स्थिति को सम्भालने का प्रयास किया। यह जोड़ी अच्छा करती दिख रही थी, लेकिन इसी बीच मौरिस ने कार्तिक को 56 के कुल योग पर आउट करके मुंबई को करारा झटका दिया। कार्तिक ने आउट होने से पहले 26 गेंदों पर तीन चौके लगाए।
कार्तिक का विकेट गिरने के बाद रायुडू का साथ देने पोलार्ड विकेट पर आए। इन दोनों ने तेजी से बल्लेबाजी शुरू की और 34 गेंदों पर 48 रन बटोर डाले, लेकिन 100 के कुल योग पर ड्वेन ब्रावो ने रायुडू को आउट करके मुंबई को पांचवां झटका दिया। रायुडू ने अपनी 36 गेंदों की उम्दा पारी में चार चौके लगाए।
रायुडू का स्थान लेने आए हरभजन सिंह (14) ने भी पोलार्ड का अच्छा साथ दिया। दोनों ने 16 गेंदों पर 25 रन जोड़े। हरभजन आठ गेंदों पर तीन चौके लगाने के बाद ब्रावो की गेंद पर माइकल हसी के हाथों कैच हुए। उस समय कुल योग 125 रन था।
ऋषि धवन (3) का विकेट 133, मिशेल जॉनसन (1) का विकेट 135 और लसिथ मलिंगा (0) का भी 135 रन के कुल योग पर गिरा। धवन रन आउट हुए। जॉनसन और मलिंगा को ब्रावो ने विकेट के पीछे कप्तान धोनी के हाथों कैच कराया। पोलार्ड ने ब्रावो द्वारा फेंके गए पारी के अंतिम ओवर के अंत की दो गेंदों पर छक्के लगाकर न सिर्फ अपना अर्द्धशतक पूरा किया, बल्कि उन्होंने अपनी टीम को एक सम्मानजनक योग भी दिया। पोलार्ड ने 32 गेंदों की नाबाद पारी में सात चौके और तीन छक्के लगाए।