नई दिल्ली– मंगलवार सुबह देश के तमाम विपक्षी नेता एक के बाद एक अपने फोन हैकिंग का अलर्ट ट्विटर (अब X) पर शेयर करने लगे तो हंगामा खड़ा हो गया। सबके आईफोन पर एक ही चेतावनी थी कि सरकार उनके फोन में जासूसी कर रही है। इस चेतावनी से सशंकित विपक्षी नेताओं ने सोशल मीडिया पर लिखा कि शायद केंद्र की मोदी सरकार विपक्षी नेताओं के फोन हैक करने की कोशिश में जुटी हुई है। और यह बेबुनियाद नहीं था क्योंकि आईफोन कंपनी एप्पल की तरफ से इन नेताओं को हैकिंग संबंधी नोटिफिकेशन भेजा गया। इस अलर्ट में उन्हें चेतावनी दी गई है कि सरकार उनके फोन और ईमेल को हैक करने की कोशिश कर रही है।
Apple की ओर से सरकार प्रायोजित साइबर अटैक की चेतावनी देश के कम से कम 11 नेताओं को मिली है। इनमें शशि थरूर, मोहुआ मोइत्रा, राघव चड्ढढा, प्रियंका चतुर्वेदी, पवन खेड़ा, अखिलेश यादव, सीताराम येचुरी, सुप्रिया सुले, केसी वेणुगोपाल, असद्दुदीन ओवैसी और राहुल गांधी के दफ्तर में काम करनेवाले कई कांग्रेस नेताओं को मिली है। इस लिस्ट में कुछ पत्रकार भी हैं जैसे द वायर ग्रुप के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन, डेक्कन क्रॉनिकल के श्रीराम केर्री, ओआरएफ के समीर शरन आदि ।
एपल ID के जरिए आईफोन पर आए अलर्ट मैसेज में लिखा है कि एप्पल को लगता है स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैकर्स आपको अपना टारगेट बना रहे हैं। ये आपकी एपल ID से जुड़े आईफोन को रिमोड मोड पर लेकर उसमें सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं। इस ईमेल का टाइटल है- ‘अलर्ट- स्टेट स्पॉन्सर्ड अटैकर्स आपके आईफोन को अटैक कर रहे हैं’। इसमें लिखा है कि ये अटैकर्स आपको शायद आपके पद और आपके काम की वजह से टारगेट कर रहे हैं। अगर आपकी डिवाइस किसी स्टेट-स्पॉन्सर्ड अटैकर ने कॉम्प्रोमाइज कर लिया गया है तो हो सकता है कि वे आपकी निजी जानकारी, आपकी बातचीत, यहां तक कि आपका कैमरा और माइक्रोफोन भी रिमोट एक्सेस कर सकते हैं।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ट्वीट कर बताया कि उनके पास भी Apple की ओर से अलर्ट आया है। उन्होंने कहा, मेरे जैसे टैक्सपेयर के खर्चों में अल्प-रोजगार अधिकारियों को व्यस्त रखने में खुशी हुई! उनके पास करने के लिए और कुछ भी महत्वपूर्ण नहीं है।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने तो सीधे मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए एक्स पर लिखा, ‘प्रिय मोदी सरकार, आप ऐसा क्यों कर रहे हो? वहीं, महुआ मोइत्रा ने गृह मंत्रालय को टैग करते हुए आगे लिखा, अडानी और पीएमओ के लोग, जो मुझे डराने की कोशिश कर रहे हैं, आपके डर से मुझे आप पर दया आ रही है।
मामले पर शिव सेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है, ‘जिस तरह से मुझे कल रात चेतावनी मिली, उससे पता चलता है कि यह केंद्र सरकार का पूरा प्लान है और मुझे सावधानी बरतने की जरूरत है। चेतावनी में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि ये हमले ‘सरकार प्रायोजित’ हैं’…केवल विपक्ष के नेताओं को ही ऐसे संदेश क्यों मिल रहे हैं? इससे पता चलता है कि बड़े पैमाने पर विपक्ष की निगरानी की जा रही है। इसकी जांच होनी चाहिए और केंद्र को इस पर स्पष्टीकरण देने की जरूरत है।’
ऐसा पहली बार हुआ है जब एपल ने संभावित साइबर अटैक को लेकर कुछ लोगों को चेतावनी दी है लेकिन यह पहला मौका नहीं है जब सरकार पर विपक्ष की जासूसी को लेकर आरोप लगा है। इससे पहले 2019 में भी एक रिपोर्ट के सामने आने के बाद बवाल मचा था जिसमें दावा किया गया था कि भारत समेत दुनियाभर के 100 से अधिक पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की जासूसी हो रही है। इसके लिए दुनिया के सबसे ताकतवर हैकिंग सॉफ्टवेयर पेगासस (Pegasus) का इस्तेमाल किया गया था जिसे इस्राइल की एक कंपनी ने तैयार किया है। इसके बाद 2021 में भी एक रिपोर्ट आई थी जिसमें दावा किया गया था कि दुनियाभर के करीब 2,500 लोगों के फोन टैप किए गए हैं और इसके लिए भी Pegasus सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया है।