इंदौर, 22 जून – कोरोना महामारी के दौरान गुटखा कारोबार में हुए लगभग ढाई सौ करोड़ की कर चोरी के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। मई माह में 20 से अधिक व्यापारिक संस्थानों को वाहन पास जारी कर गुटखा के इंदौर में और इंदौर से बाहर परिवहन की अनुमति दी गई थी।
इंदौर के गुटका कारोबारी किशोर वाधवानी को ढाई सौ करोड़ से अधिक की कर चोरी के मामले में डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ जीएसटी इंटेलिजेंस और डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस (डीआरआई) द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है। वाधवानी का मीडिया जगत से भी नाता है। आरोप यह है कि कोरोना काल में 70 से अधिक ट्रकों के जरिए गुटखा का परिवहन किया गया था।
हाल ही में एक ऐसी भी सूची सामने आई है, जिसमें इस बात का खुलासा हो रहा है कि 21 से 27 मई के बीच 20 से ज्यादा व्यापारिक संस्थानों के लिए गुटखों के परिवहन की अनुमति दी गई थी। यह वह समय था, जब इंदौर में सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण की आशंका बनी हुई थी। गुटखा परिवहन के लिए प्रशासन ने प्रत्येक कारोबारी को एक वाहन पास जारी करने के साथ तीन कर्फ्यू पास उपलब्ध कराने की व्यवस्था की थी।
इन संस्थानों को गुटखा परिवहन की अनुमति देते हुए प्रशासन ने 20 मई को कहा था कि कोरोना की परिस्थितियों के कारण दो माह से पूर्णत: लॉकडाउन है, जिससे पान मसाला होलसेलर एवं फुटकर विक्रेता, जिनका माल गर्मी के मौसम के कारण खराब होने की आशंका है, ऐसे पान मसाला थोक एवं फुटकर विक्रेताओं को इंदौर जिले में या इंदौर जिले से बाहर भेजने की सशर्त अनुमति दी जाती है।
लाकडाउन के समय 15 रुपये मे बिकने वाला गुटखा 90 से 120 रुपये मे बिका
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व प्रदेश कांग्रेस के आदिवासी प्रकोष्ठ के चेयरमैन अजय शाह ने इंदौर के जिलाधिकारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है, “इंदौर के कलेक्टर ने गुटखे से कोरोना फैलाने वाले, 400 करोड़ टैक्स चोरी करने वाले गुटखा किंग किशोर बाधवानी के ट्रकों के लिए रास्ता साफ कर दिया, ताकि देशभर में उन दिनों प्रतिबंधित गुटखा लोगों तक पहुंच सके और वे पीक थूक-थूक कर कोरोना फैला सके।”
शाह ने भाजपा सरकार और नेताओं पर हमला बोलते हुए सवाल किया, “वाधवानी के गॉडफादर बने, भाजपा सरकार के कौन-कौन थे, इसका खुलासा क्या हो पाएगा?”
शाह ने तल्ख लफ्जों में कहा, “जनता के हितैषी होने का सशक्त पाखंड रचने वाले हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जो बेवजह भोपाल कलेक्टर तरुण पिथोड़े को तो बेहतर काम करने के बावजूद बदल देते हैं, लेकिन इंदौर के कलेक्टर मनीष सिंह का बाल भी बांका नहीं होता।”