नई दिल्ली-भारत सरकार ने जून में देश के पास 12 करोड़ वैक्सीन डोज होने की बात कही है. कई डोज उन्हें भी दी जाएंगी, जिन्हें पहले एक डोज लग चुकी है. जून में भी वैक्सीनेटेड लोगों का आंकड़ा 30 करोड़ के पार जाने की उम्मीद नहीं है.
भारत 26 मई को 20 करोड़ से ज्यादा कोरोना वैक्सीन लगाने वाला दुनिया का तीसरा देश बन गया. लेकिन इस आंकड़े को लेकर देश में उत्साह नहीं दिखा क्योंकि अब भी देश में कोरोना वैक्सीन की जबरदस्त कमी बनी हुई है. यह बात वैक्सीन के लिए स्लॉट न मिलने, दूसरी डोज की समयसीमा बढ़ाए जाने और वैक्सीनेशन में आई कमी से उजागर होती है. जबकि भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक देश है, फिर भी वह अपनी जनसंख्या को वैक्सीनेट करने में ब्राजील और मैक्सिको से पीछे है.
देश में 1 अप्रैल से बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन की शुरुआत की गई थी. तब भारत में भी अपनी श्रेणी के अन्य देशों के बराबर ही वैक्सीनेशन हुआ था. 1 अप्रैल तक भारत में हर 100 में से 5 लोगों को कोरोना वैक्सीन लग चुकी थी, जबकि ब्राजील, चीन, रूस और मैक्सिको का यह आंकड़ा 6.7 से 9.7 के बीच था. लेकिन 26 मई तक भारत जहां अपने 100 में से 14 लोगों को ही वैक्सीन लगा सका है, वहीं चीन हर 100 में से 38 और ब्राजील 30 लोगों को वैक्सीनेट कर चुका था.
भारतीय वैज्ञानिकों के मुताबिक देश को हर्ड इम्युनिटी के करीब पहुंचने के लिए कम से कम अपनी 64% जनसंख्या को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज देना जरूरी है. जिसके लिए अभी 140 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन डोज की जरूरत है. इतनी डोज का प्रबंध करने में अभी महीनों का समय लगेगा.