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ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य एवं खुले में शौच की समस्या को ले कर अवधूत भगवान राम जी ने सन 1979 में व्यक्त की थी चिंता और समाधान

September 12, 2024 3:31 pm by: Category: धर्म-अध्यात्म Leave a comment A+ / A-

भारत-वर्ष में कई सदियों से ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरती गयी और वे उपेक्षा की शिकार रहीं,भारत की पुण्य-धरती पर जन्म लिए पूज्य संत अघोरेश्वर अवधूत भगवान् राम जी ने इस दिशा में चिंतन करते हुए ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य एवं उनके लिए शौचालयों की व्यवस्था हेतु जनमानस को निर्देशित एवं जागरूक किया था.

पूज्यपाद ने 8 अप्रैल सन 1979 को ग्राम विशंभरपुर,गाजीपुर जनपद(उप्र) में श्री सर्वेश्वरी बालिका विद्यापीठ के शिलान्यास अवसर पर उपस्ठित जनसमूह के समक्ष अपना यह चिंतन प्रस्तुत किया,उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा,” शौच-क्रिया के लिए महिलाएं बाहर ही बैठती हैं और उस क्रम में बीच-बीच में लोगों के आवागमन के कारण उन्हें बार-बार उठना-बैठना पड़ता है,जिसका उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है,वे प्रायः रोगग्रस्त हो जाती हैं और अपने पुत्र-पौत्रों के प्रति भी चिड-चिड़ा व्यवहार करने को बाध्य होती हैं.

पूज्य बाबा जी ने आगे कहा महिलाओं की समस्याओं पर हमें स्वयं ध्यान देना होगा और उनकी शिक्षा कि उचित व्यवस्था करके ही हम इन समस्याओं के समाधान की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे।

अघोरेश्वर सूक्ति संग्रह से संकलित

सम्पादित:अनिल कुमार सिंह

ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य एवं खुले में शौच की समस्या को ले कर अवधूत भगवान राम जी ने सन 1979 में व्यक्त की थी चिंता और समाधान Reviewed by on . भारत-वर्ष में कई सदियों से ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरती गयी और वे उपेक्षा की शिकार रहीं,भारत की पुण्य-धरती पर जन्म लिए पूज्य संत अघोरेश्व भारत-वर्ष में कई सदियों से ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही बरती गयी और वे उपेक्षा की शिकार रहीं,भारत की पुण्य-धरती पर जन्म लिए पूज्य संत अघोरेश्व Rating: 0

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