साल 2002 में हुए गुजरात दंगों को लेकर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उन्होंने उस दौरान कुछ गलत नहीं किया। अगर कुछ गलत किया होता तो उन्हें जरूर अफसोस होता।
रॉयटर को दिए एक इंटरव्यू में नरेंद्र मोदी ने कहा कि जन्म से वह हिंदू हैं और राष्ट्रवादी हैं। इसमें कुछ गलत नहीं हैं। इसके साथ ही साथ वह प्रगतिशील और विकासोन्मुखी भी हैं।
उन्होंने दंगों के दौरान अपनी स्थिति वैसी ही बताई जैसे की एक कार दुर्घटना के दौरान पिछली सीट पर बैठे शख्स के साथ होती है।
मोदी ने कहा कि अगर किसी कार के नीचे कोई कुत्ते का बच्चा आ जाता है, तो आप चाहे कार न चला रहे हों, फिर भी आपको तकलीफ होती है। मैं मुख्यमंत्री हूं या नहीं, पर एक इंसान होने के नाते कुछ भी गलत होने पर मुझे भी तकलीफ होती है।
दंगों पर पूछे गए सवाल पर मोदी बचाव मुद्रा में भी रहे। उन्होंने बहुत ही सावधानी से शब्दों का इस्तेमाल किया। मोदी ने कहा कि एक नेता को निर्णय लेने पड़ते हैं, अगर वह ऐसा नहीं करेगा तो उसे नेता कौन मानेगा। निर्णय लेना एक गुण है और इसमें कुछ भी गलत नहीं।
अपनी आलोचना को स्वीकारते हुए मोदी बोले की लोकतंत्र में आलोचन जरूरी है। अगर आलोचना नहीं होती है, तो आप आगे नहीं बढ़ सकते हैं। इसलिए मैं अपनी आलोचना का स्वीकार करता हूं।