बुधवार की रात वेटिकन में चुने गए नए पोप फ्रांसिस प्रथम के नाम की घोषणा के बाद अमेरिकी कैथोलिक समुदाय के लोग उम्मीद कर रहे हैं कि नए पोप बीते समय के बुरे अनुभवों को खत्म करने और चर्च के पारंपरिक मूल्यों एवं आधुनिक अमेरिकी जीवनशैली के बीच सामंजस्य स्थापित करने की दिशा में सहायक होंगे.
न्यूयार्क के आर्चबिशप कार्डिनल टिमोथि डोलन ने अपने बयान में कहा, ‘कैथोलिक चर्च के इतिहास में यह एक ऐतिहासिक क्षण है. नए पोप इस बात के प्रतीक हैं कि देश और सीमा के अन्तर के बावजूद कैथोलिक समुदाय में एकता है.’
न्यूयार्क के सेवानृवित आर्चबिशप एडवर्ड इगन ने कहा, ‘नए पोप भले ही 76 साल के हैं, लेकिन इस वजह से उन्हें कम नहीं आंकना चाहिए.’
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पोप फ्रांसिस प्रथम को शुभकामना और बधाई देते हुए कहा, ‘वह गरीबों और जरूरतमंदों के मसीहा हैं.’
‘द कैथोलिक यूनिवर्सिटी ऑफ अमेरिका’ के इंस्टिट्यूट ऑफ पॉलिसी रिसर्च एंड कैथोलिक स्टडीज विभाग के अध्यक्ष स्टीफन शेच्नेक ने कहा है कि नए पोप ईसाई समुदाय के आपसी मतभेदों को कम कर सकते हैं, लेकिन संवेदनशील मुद्दों में अचानक बड़ा बदलाव लाने की उम्मीद नहीं की जा सकती.’