वाराणसी – यूपी के वाराणसी में स्थित ज्ञानवापी परिसर की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की सर्वे रिपोर्ट बुधवार को मुकदमे के पक्षकारों ने सार्वजनिक कर दी. सर्वे के दौरान 32 जगह मंदिर से संबंधित प्रमाण मिले हैं. पक्षकारों ने जो सर्वे रिपोर्ट दी है, वह 839 पेज की है. इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद काशी के संत ने अन्न त्याग दिया है.
वाराणसी के जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने बुधवार को ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों को देने का आदेश दिया था. पक्षकारों को गुरुवार को कोर्ट से ये कॉपी मिली थी.
इसके बाद हिंदू पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा, ‘सर्वे से साबित हो गया कि ज्ञानवापी बड़ा हिंदू मंदिर था. उसे तोड़कर मस्जिद का रूप दिया गया. अब सील वजूखाने के सर्वे का अनुरोध किया जाएगा.’ 18 दिसंबर को एएसआई ने कोर्ट में सील बंद लिफाफे में स्टडी रिपोर्ट सौंपी थी.
ज्ञानवापी मस्जिद समिति ने शुक्रवार को कहा, ‘मस्जिद का एएसआई सर्वेक्षण सिर्फ एक रिपोर्ट है, कोई फैसला नहीं, जिसके बारे में हिंदू पक्ष के वकीलों का दावा है कि इसे पहले से मौजूद मंदिर के अवशेषों पर बनाया गया था.’ ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद पुलिस काफी अलर्ट मोड पर आ गई है. सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर गंभीरता से नजर रखी जा रही है. कोई भी अफवाह फैलाकर माहौल बिगाड़ने का प्रयास करेगा तो उसके खिलाफ प्रभावी तरीके से कार्रवाई की जाएगी.