नई दिल्ली: गुजरात के एक भाजपा नेता, जो बिलकीस बानो के बलात्कारियों को रिहा करने के फैसले में शामिल थे और उन्हें ‘संस्कारी ब्राह्मण’ बताया था, आगामी राज्य विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवारों की सूची में शामिल हैं.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक, गुजरात के पूर्व मंत्री चंद्रसिंह राउलजी को भाजपा ने गोधरा से चुनाव मैदान में उतारा है. राउलजी गोधरा से छह बार विधायक रह चुके हैं.
गोधरा से भाजपा विधायक चंद्रसिंह राउलजी गुजरात सरकार की उस समिति के उन चार सदस्यों में से एक थे, जिसने बिलकीस बानो के साथ बलात्कार और उनकी तीन साल की बेटी सहित परिवार के सात सदस्यों की हत्या के दोषी 11 लोगों को रिहा करने का फैसला किया था.
इतना ही नहीं भाजपा के निवर्तमान विधायक राउलजी ने बेहद विवादास्पद टिप्पणी के साथ इस फैसले का बचाव भी किया था.
एक साक्षात्कार के दौरान उन्होंने कहा था कि 2002 के गुजरात दंगों के इस मामले के दोषियों में शामिल कुछ लोग ‘ब्राह्मण’ हैं, जिनके अच्छे ‘संस्कार’ हैं और यह संभव है कि उन्हें फंसाया गया हो.
उन्होंने यह भी कहा था कि हो सकता है कि वे बेगुनाह हों क्योंकि सांप्रदायिक स्थिति में एक समुदाय द्वारा दूसरे समुदाय के निर्दोष लोगों को फंसाने की कोशिश भी की जाती है. उन्होंने कहा था कि जेल में दोषियों का आचरण अच्छा था.
एक रिपोर्ट के अनुसार, ‘अच्छे व्यवहार’ के चलते रिहा हुए दोषियों पर पैरोल के दौरान कई आरोप लगे थे. 11 दोषियों में से कुछ के खिलाफ पैरोल पर बाहर रहने के दौरान ‘महिला का शील भंग करने के आरोप’ में एक एफआईआर दर्ज हुई और दो शिकायतें भी पुलिस को मिली थीं. इन पर गवाहों को धमकाने के भी आरोप लगे थे.
मालूम हो कि पिछले गुजरात चुनाव के पहले अगस्त 2017 में वह चंद्रसिंह कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे. 2007 और 2012 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में उन्होंने जीत हासिल की थी. भाजपा में जाने के बाद उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी को हराया जरूर, लेकिन बमुश्किल 258 मतों के अंतर से.
गुजरात में 1 और 5 दिसंबर को दो चरण में होंगे विधानसभा चुनाव होंगे और मतगणना 8 दिसंबर को की जाएगी.
मालूम हो कि बीते 15 अगस्त को अपनी क्षमा नीति के तहत गुजरात की भाजपा सरकार द्वारा माफी दिए जाने के बाद बिलकीस बानो सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी 11 दोषियों को 16 अगस्त को गोधरा के उप-कारागार से रिहा कर दिया गया था.
सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में जेल से बाहर आने के बाद बलात्कार और हत्या के दोषी ठहराए गए इन लोगों का मिठाई खिलाकर और माला पहनाकर स्वागत किया गया था.
इसे लेकर कार्यकर्ताओं ने आक्रोश जाहिर किया था. इसके अलावा सैकड़ों महिला कार्यकर्ताओं समेत 6,000 से अधिक लोगों ने सुप्रीम कोर्ट से दोषियों की सजा माफी का निर्णय रद्द करने की अपील की थी.
इस निर्णय से बेहद निराश बिलकीस ने भी इसके बाद अपनी वकील के जरिये जारी एक बयान में गुजरात सरकार से इस फैसले को वापस लेने की अपील की थी.