नई दिल्ली- सरकार ने वॉट्सऐप को अपनी नई निजता नीति वापस लेने का निर्देश दिया है. सरकार ने वॉट्सऐप से कहा कि निजता नीति में बदलाव गोपनीयता और डाटा सुरक्षा के मूल्यों को कमजोर करते हैं तथा भारतीय नागरिकों के अधिकारों और हितों को नुकसान पहुंचाते हैं.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 18 मई को कंपनी को एक पत्र लिखकर कहा है कि सात दिन के भीतर संतोषजनक जवाब न मिलने पर कानून के अनुरूप जरूरी कदम उठाए जाएंगे.
सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय ने मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए साफ किया कि कई लोग दैनिक जीवन में संदेश भेजने के लिए वॉट्सऐप पर निर्भर हैं. ऐसे में कंपनी द्वारा अपनी स्थिति का लाभ उठाते हुए भारतीय उपयोगकर्ताओं पर अनुचित शर्तें थोपना न केवल परेशान करने वाला है, बल्कि गैर-जिम्मेदाराना रवैया है.
संपर्क किए जाने पर वॉट्सऐप के एक प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी सरकार के साथ बातचीत करती रहेगी. उन्होंने कहा, ‘हमने पहले जो कहा है, दोबारा उसकी पुष्टि करते हैं कि ताजा अपडेट से किसी के भी व्यक्तिगत संदेश की निजता पर असर नहीं पड़ता है. हम हर अवसर का इस्तेमाल यह स्पष्ट करने के लिए करेंगे कि हम किस तरह से लोगों के व्यक्तिगत संदेशों और निजी सूचना की सुरक्षा करते हैं.’
मंत्रालय ने अपने पत्र में वॉट्सऐप का इस बात की तरफ ध्यान दिलाया कि किस तरह उसकी निजता नीति मौजूदा भारतीय कानूनों और नियमों के कई प्रावधानों का उल्लंघन करती है.
मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि भारतीय नागरिकों के अधिकारों और हितों की रक्षा के लिए सरकार भारतीय कानूनों के तहत उपलब्ध विभिन्न विकल्पों पर विचार करेगी.
मंत्रालय ने वॉट्सऐप द्वारा यूरोपीय उपयोगकर्ताओं की तुलना में भारतीय उपयोगकर्ताओं के साथ भेदभावपूर्ण व्यवहार के मुद्दे को भी दृढ़ता से उठाया है.
सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय में भी यही रुख अपनाया है, जहां यह मामला विचाराधीन है.
वॉट्सऐप के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, ‘जहां नई सेवा शर्तें हासिल करने वाले ज्यादातर लोगों ने उन्हें स्वीकर कर लिया, हम इस बात की सराहना करते हैं कि कुछ लोगों को अब तक ऐसा करने का मौका नहीं मिला. 15 मई को कोई भी खाता बंद नहीं किया गया और भारत में किसी के भी फोन पर वॉट्सऐप ने काम करना बंद नहीं किया.’
गौरतलब है कि वॉट्सऐप ने अपने उपयोगकर्ताओं के लिए निजता नीति में किए गए बदलाव लागू करने के लिए 15 मई की समयसीमा तय की थी, लेकिन बाद में यह समयसीमा रद्द कर दी गई.
इससे पहले इस हफ्ते कंपनी ने दिल्ली उच्च न्यायालय से यह कहा था कि नई शर्तों को न मानने पर किसी भी उपयोगकर्ता का खाता बंद नहीं किया जाएगा.
हालांकि, कंपनी ने अपने नए फैसले में कहा कि शर्तें स्वीकार न करने वाले उपयोगकर्ता ऐप पर आने वाली सामान्य कॉल और वीडियो कॉल जैसी कुछ सुविधाओं का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे.
बता दें कि बीते जनवरी महीने की शुरुआत में भारी विरोध के बाद वॉट्सऐप ने अपनी नई निजता नीति को पंद्रह मई तक के लिए टाल दिया था.
वॉट्सऐप को अपनी नई निजता नीति में बदलावों की वजह से भारत सहित वैश्विक स्तर पर आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. दुनियाभर में इस बात को लेकर चिंता जताई जा रही थी कि वॉट्सऐप यूजर्स के डेटा को अपनी मूल कंपनी फेसबुक से साझा कर सकती है, जिसके बाद कंपनी ने इसे टालने का फैसला किया था.
बीते मार्च महीने में केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट से वॉट्सऐप को 15 मई से प्रभावी होने जा रही उसकी नई निजता नीति एवं सेवा शर्तें लागू करने से रोकने का अनुरोध किया था.
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने फेसबुक के स्वामित्व वाले सोशल नेटवर्किंग मंच वॉट्सऐप की नई निजता नीति को चुनौती देने वाली एक याचिका के जवाब में दाखिल किए गए अपने हलफनामे में यह कहा था.
मार्च की शुरुआत में दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र को वॉट्सऐप की नई निजता नीति की पड़ताल के लिए तीन सप्ताह का वक्त दिया था. केंद्र ने तब अदालत को बताया कि 15 मई से प्रभावी होने जा रही ‘वॉट्सऐप’ की नई निजता नीति की उच्चतम स्तर पर पड़ताल की जा रही है और सरकार इस मुद्दे पर उससे कुछ स्पष्टीकरण मांग रही है.
केंद्र ने उच्च न्यायालय से कहा था कि वॉट्सऐप भारतीय उपयोगकर्ताओं से अलग तरह का बर्ताव कर रहा है, उसकी नई नीति सरकार के लिए चिंता का विषय है और वह इस मुद्दे पर गौर कर रही है.