नई दिल्ली। सोने की कीमत में लगातार गिरावट का दौर जारी है। सोमवार को इसमें 750 रुपये की गिरावट दर्ज की गई। दो दिन में आई करीब 2500 रुपये की गिरावट से खरीददारों के चेहरे पर रौनक आ गई है। हालांकि सोना खरीदारी में ज्यादा जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए क्योंकि इसके और गिरने के साथ 25 हजार रुपए प्रति दस ग्राम के आसपास तक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। वहीं चांदी में 2700 रुपये की गिरावट दर्ज की गई है।
कारोबारियों का कहना है कि शादी के लिए सोना खरीदने वाले लोगों को कम से कम तीन महीने और इंतजार करना चाहिए। सोने की कीमत में आई गिरावट पर विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका और इंग्लैंड जैसे देशों ने सोने के कारोबार की अस्थिरता को देखते हुए यहां से सारा पैसा निकाल कर शेयर बाजार में लगाना शुरू कर दिया है जिसके चलते बाजार में सोने की उपस्थिति ज्यादा हाने से कीमत पर असर पड़ रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि दिसंबर 2012 में सोना 32,600 रुपए प्रति दस ग्राम के ऊंचे स्तर पर था। वहीं चांदी की अगर बात करे तो यह 70 हजार के उच्चतम शिखर पर पहुंचने के बाद बीस हजार रुपए की गिरावट दर्ज हुई।
सोने व चांदी में इस अस्थिरता के चलते कारोबारियों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। यहीं कारण है कि विदेशों में सोने के कारोबारी शेयर बाजार में ज्यादा रूचि ले रहे हैं। कीमत में गिरावट का एक अन्य कारण सरकार द्वारा बढ़ाई गई कस्टम ड्यूटी को भी माना जा रहा है। सर्राफा कारोबारियों का कहना है कि उन्हें पहले चार प्रतिशत कस्टम ड्यूटी देनी होती थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर छह प्रतिशत कर दिया गया है जिससे सोने के आयात पर असर पड़ा है।
हालांकि कस्टम ड्यूटी अधिक होने से सोने की तस्करी ज्यादा होने लगी है। कारोबारियों को कस्टम से माल छुड़ाकर भी काफी सस्ता पड़ता है। इससे भी सोने की उपलब्धता बढ़ी है।
कूचा महाजनी सर्राफा एसोसिएशन के महासचिव जीसी गुप्ता कहते हैं कि सोने ने यहां फाइनेंस कारोबार का एक नया रूप लिया था। इन कारोबारियों की वजह से सोने की ज्यादा मांग बढ़ी और कीमत आसमान छू गई। अब जब अंतरराष्टीय बाजार में सोने की स्थिति कमजोर है। उन्होंने जमा किया हुआ सोना बाजार में बेचना शुरू कर दिया है।