इलाहाबाद। महाकुंभ के छठे और अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि पर गंगा की धारा सबसे प्रबल रूप में रहेगी। अपने किनारों को पार कर चुकीं गंगा धीरे-धीरे अपने पुराने स्थान की तरफ लौटने लगी हैं। यही हाल यमुना का भी है। जलस्तर घटने के साथ ही गंगा का बीओडी लेवल भी ठीक होता जा रहा है। रविवार तक गंगा सामान्य हो चुकी होंगी। तकनीकी विशेषज्ञ भी इसे गंगा मइया का चमत्कार मान रहे हैं।
माघी पूर्णिमा स्नान पर्व के एक दिन बाद ही नरौरा बांध से पानी छोड़ दिया गया था। इससे गंगा में बाढ़ आ गई और नदी के दोनों किनारे डूब गए। यह चिंता का विषय बन गया कि पंद्रह दिन बाद पड़ने वाले महाशिवरात्रि पर्व पर स्नान करने वालों को कैसा पानी मिलेगा। सिंचाई एवं बाढ़ प्रखंड के अधीक्षण अभियंता एके श्रीवास्तव ने आश्वस्त किया था कि दस दिन बाद गंगा के पानी को नियंत्रित कर लिया जाएगा। नरौरा में बांध की सुरक्षा के लिहाज से पानी छोड़ना जरूरी हो गया था। महाशिवरात्रि स्नान पर्व पर सभी श्रद्धालुओं को स्वच्छ जल मिलेगा। उनके कथनानुसार गंगा की स्थिति में अब थोड़ा सा बदलाव आया है, पानी कम हुआ है।
सिंचाई विभाग का दावा है कि रविवार तक पानी काफी कम हो जाएगा। यह भी दावा किया कि माघी पूर्णिमा स्नान पर्व के दिन जितना जल स्तर था, शुक्रवार तक उससे 20 सेमी. जलस्तर कम हो गया है। गंगा का पानी पहले से साफ है। यही हाल यमुना का भी है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी मो. सिकंदर के मुताबिक गंगा का बीओडी लेवल इस समय तीन तक पहुंच गया है, जो स्नान के लिए काफी ठीक माना जाता है। मगर गंगा का जल स्तर 73.91 पर था, जो स्नान के लिहाज से थोड़ा सा खतरनाक है।
अधीक्षण अभियंता बाढ़ प्रखण्ड एके श्रीवास्तव के मुताबिक खतरे की कोई बात नहीं है। रविवार तक यह जलस्तर काफी कम हो जाएगा, श्रद्धालु आराम से संगम में पुण्य स्नान कर सकेंगे।
गंगा में कहां कितनी गहरी
संगम-73.91 मीटर
फाफामऊ-77.20
छतनाग-77.01
कहां कितना स्वच्छ जल
(गंगा का बीओडी)
संगम-2.9
शास्त्री पुल-3.0
यमुना का बीओडी- 1.6।