महेंद्रगढ़ शहर में सब्जी मंडी में स्थित मां दुर्गा के प्राचीन मंदिर में लगने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ मां दुर्गा में अटूट विश्वास को दर्शाती है। इस मंदिर में स्थापित अष्टक धातु की प्राचीन मूर्तियां यहां आने वाले हर श्रद्धालु को नतमस्तक कर देती हैं।
हरियाणा के लोगों में प्राचीन काल से ही अनेक देवी-देवताओं में गहरी आस्था रही है। प्रदेश में स्थित विभिन्न धार्मिक स्थल तथा मंदिर यहां के लोगों की धार्मिक प्रवृत्ति का ही प्रतिफल हैं।
महेंद्रगढ़ शहर में सब्जी मंडी में स्थित मां दुर्गा मंदिर में सुबह-शाम लगा रहने वाला श्रद्धालुओं का तांता मां दुर्गा में अटूट विश्वास को दर्शाता है। श्रद्धालुओं का मानना है कि मां दुर्गा के इस प्राचीन मंदिर में आकर आराधना करने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी हो जाती है। भक्तों का कहना है कि मां दुर्गा का यह प्राचीन मंदिर मराठों के काल का बना हुआ है। पीढ़ी दर पीढ़ी पुजारी परंपरा को निभाने के क्रम में वर्तमान में छठी पीढ़ी में यहां पर पुजारी सीताराम 40 वर्षो से भक्ति में लीन हैं। इस मंदिर में पूर्व में पुजारी रहे मां के भक्तों की दो समाधियां भी बनाई गई हैं। समय-समय पर यहां रामायण पाठ, सत्संग व भंडारे का आयोजन किया जाता है तथा वर्ष में आने वाले दोनों नवरात्रों पर विशाल मेले लगते हैं जिनमें असंख्य भक्त मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करके आशीर्वाद प्राप्त करते हैं तथा मन्नतें मांगते हैं। हर नवमी के दिन यहां पर हवन भी किया जाता है।
मां दुर्गा के इस प्राचीन मंदिर के मुख्य द्वार से प्रवेश करने पर सामने मंदिर परिसर में स्थापित हनुमान प्रतिमा, बायीं ओर स्थित शिवालय, हनुमान मंदिर, राधा-कृष्ण मंदिर, राम दरबार व शनिदेव मंदिर भक्तों को आत्मिक शांति प्रदान करते हैं। हरियाली से आच्छादित इस मंदिर परिसर में अनेक वर्षो से उगे पेड़ मंदिर के प्राचीन होने की ओर संकेत करते हैं। भक्तों के विश्राम के लिए यहां तीन धर्मशालाएं भी बनाई गई हैं। यहां पर स्थित राधा-कृष्ण मंदिर में जन्माष्टमी के दिन भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है तथा राधा-कृष्ण की भव्य प्रतिमाओं के आगे शीश झुकाकर आशीर्वाद लेते हैं। यहीं पर बने शिवालय में शिव परिवार विराजमान है जहां अनेक शिवभक्त सोमवार को पूजा-अर्चना करते हैं। हनुमान मंदिर में भी मंगलवार व शनिवार को भक्तों का तांता लगा रहता है। इन मंदिरों के दायीं ओर मां दुर्गा का प्राचीन व विशाल मंदिर स्थित है। मां दुर्गा के इस मंदिर में नगरकोट से लाकर स्थापित की गई अष्टक धातु की प्राचीन मूर्तियां हर श्रद्धालु को नतमस्तक कर देती हैं। इन प्राचीन मूर्तियों के दायीं ओर मां दुर्गा की नई प्रतिमा को भी स्थापित किया गया है जिसके आगे भक्तजन सुबह-शाम आस्थावश शीश झुकाने के लिए आते रहते हैं।