डीजल का दाम एक बार फिर 45 पैसे प्रति लीटर बढ़ा दिया गया है. जनवरी के बाद से देश में सबसे ज्यादा खपत वाले ईंधन के दामों में यह तीसरी बढ़ोतरी है. इंडियन ऑयल कारपोरेशन (आईओसी) ने कहा कि डीजल के दाम शुक्रवार आधी रात से 45 पैसे प्रति लीटर बढ़ गए, इसमें वैट शामिल नहीं है. दिल्ली में डीजल का दाम स्थानीय बिक्रीकर और वैट को जोड़ने के बाद 51 पैसे प्रति लीटर बढ़कर 48.67 रुपये प्रति लीटर हो गया. पहले यह 48.16 रुपये प्रति लीटर था.
सरकार ने इस साल जनवरी में सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों को डीजल कीमतों में मासिक आधार पर छोटी यानी 50 पैसे प्रति लीटर वृद्धि तक की अनुमति दी थी. यह वृद्धि उस समय तक की जाएगी, जब तक कि डीजल की बिक्री पर पेट्रोलियम कंपनियों को हो रहा घाटा बराबर नहीं हो जाता.
पेट्रोलियम कंपनियों ने 18 जनवरी को डीजल के दाम 45 पैसे प्रति लीटर बढ़ाए थे. उसके बाद 16 फरवरी को भी डीजल कीमतों में इतनी ही वृद्धि की गई थी. 16 मार्च को पेट्रोल कीमतों में 2.40 रुपये लीटर की कटौती की गई थी और उसी दिन डीजल के दाम बढ़ने थे, लेकिन संसद में सरकार को परेशानी से बचाने के लिए यह फैसला टाल दिया गया था.
शुक्रवार से संसद एक माह के लिए स्थगित हो गई है. इसके बाद पेट्रोलियम कंपनियों ने डीजल के दाम बढ़ाए हैं. आईओसी ने कहा है कि इस वृद्धि के बावजूद पेट्रोलियम कंपनियों को डीजल की प्रति लीटर की बिक्री पर अंतरराष्ट्रीय मूल्य के हिसाब से 8.19 रुपये का नुकसान हो रहा है.
इसके अलावा पेट्रोलियम कंपनियों को मिट्टी के तेल पर प्रति लीटर 33.43 रुपये और 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर पर प्रति सिलेंडर 439 रुपये की कमाई का नुकसान हो रहा है. चालू वित्त वर्ष में पेट्रोलियम कंपनियों को लागत से कम मूल्य पर ईंधन की बिक्री से 1,63,000 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है. अकेले आईओसी का राजस्व नुकसान 86,400 करोड़ रुपये रहेगा.
जनवरी के बाद से तीन किस्तों में डीजल के दाम 1.50 रुपये प्रति लीटर बढ़े हैं. मुंबई में शनिवार से डीजल का दाम 54.83 रुपये लीटर हो गया, जो पहले 54.26 रुपये लीटर था.