Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/load.php on line 926

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826

Deprecated: Function get_magic_quotes_gpc() is deprecated in /home4/dharmrcw/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4826
 भारत में कोरोना वैक्सीन का गहराता संकट : विदेशी दवा कंपनियों ने राज्यों को सीधे टीके देने से मना किया,केंद्र को सीधे टीके देने को कहा | dharmpath.com

Tuesday , 8 April 2025

Home » भारत » भारत में कोरोना वैक्सीन का गहराता संकट : विदेशी दवा कंपनियों ने राज्यों को सीधे टीके देने से मना किया,केंद्र को सीधे टीके देने को कहा

भारत में कोरोना वैक्सीन का गहराता संकट : विदेशी दवा कंपनियों ने राज्यों को सीधे टीके देने से मना किया,केंद्र को सीधे टीके देने को कहा

May 27, 2021 10:34 am by: Category: भारत Comments Off on भारत में कोरोना वैक्सीन का गहराता संकट : विदेशी दवा कंपनियों ने राज्यों को सीधे टीके देने से मना किया,केंद्र को सीधे टीके देने को कहा A+ / A-

नई दिल्ली-
भारत में कोरोना महामारी को रोकने के लिए चलाया जा रहा टीकाकरण अभियान अब धीमा पड़ गया है.केंद्र सरकार ने पिछले महीने ही राज्यों को 18 साल से 44 साल तक की आयु के सभी लोगों को वैक्सीन देने की अनुमति दी थी. इसके अलावा सभी राज्यों को फ़ार्मा कंपनियों से सीधे तौर पर वैक्सीन खरीदने की अनुमति भी दी जा चुकी है.

राज्य सरकारें वैक्सीन के लिए विदेशी दवा निर्माता कंपनियों से भी बात कर रही हैं.इस बीच कई राज्यों ने ‘ग्लोबल टेंडर’ जारी कर, अपने प्रदेश की जनता के लिए वैक्सीन हासिल करने की बात भी कही, लेकिन अब तक दिल्ली को छोड़ कर किसी और प्रदेश को इसमें सफलता नहीं मिली है.बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि रूसी कंपनी राज्य सरकार को स्पूतनिक वैक्सीन की सप्लाई करने के लिए राज़ी हो गई है. उन्होंने बताया कि कितने डोज़ कंपनी दे सकती है इसे लेकर फिलहाल चर्चा जारी है.

बहुत सी दवा निर्माता कंपनियों ने या तो राज्यों द्वारा निकाले गए ग्लोबल टेंडर का कोई जवाब नहीं दिया, या फिर साफ़ तौर पर ये कहा कि वैक्सीन बेचने के लिए केंद्र सरकार से ही समझौता किया जा सकता है, राज्य सरकारों से नहीं. इसलिए अब कई राज्यों ने केंद्र सरकार से यह अपील की है कि वो वैक्सीन के लिए ग्लोबल टेंडर जारी करे और राज्यों को वैक्सीन दे.राज्यों को ‘ग्लोबल टेंडर’ जारी कर, दूसरे देशों से वैक्सीन हासिल करने की जो उम्मीद बंधी थी, वो भी अब धुंधली नज़र होती आ रही है.

भारत में अब तक दस से ज़्यादा राज्य कोरोना वैक्सीन के लिए ‘ग्लोबल टेंडर’ जारी कर चुके हैं. महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, दिल्ली और पश्चिम बंगाल इनमें शामिल हैं.मध्यप्रदेश ने भी ग्लोबल टेंडर जारी करने की घोषणा की है.

हाल ही में पंजाब सरकार ने यह बताया कि उन्होंने कई विदेशी दवा निर्माता कंपनियों से बात करने की कोशिश की, लेकिन सिर्फ़ एक कंपनी (मॉडर्ना) ने उन्हें जवाब दिया. मॉडर्ना ने कहा कि वो पंजाब सरकार नहीं, बल्कि केंद्र सरकार से ही वैक्सीन पर बात करेगी.पंजाब में टीकाकरण अभियान के नोडल अफ़सर विकास गर्ग ने पंजाब सरकार की तरफ़ से यह बयान जारी किया कि अमरिंदर सिंह की सरकार ने स्पूतनिक, फ़ाइज़र, मॉडर्ना के अलावा जॉनसन एंड जॉनसन से सीधा संपर्क किया था. लेकिन सिर्फ़ मॉडर्ना का जवाब आया और उन्होंने भी अपनी नीतियों का हवाला देते हुए हमें सीधे तौर पर वैक्सीन की आपूर्ति से मना कर दिया.

दिल्ली सरकार को भी अंतरराष्ट्रीय दवा निर्माताओं से ऐसा ही जवाब मिला. सोमवार को दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस से बातचीत में कहा कि जब उनकी सरकार ने वैक्सीन निर्माता कंपनियों से संपर्क करने की कोशिश की, तो इन कंपनियों ने राज्य सरकारों के साथ किसी भी तरीके की बातचीत से इनकार कर दिया.

ऐसे में क्या भारत सरकार टीकाकरण के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पायेगी, यह एक बड़ा सवाल है?

“हमें कहा गया कि हम भारतीय वैक्सीन निर्माताओं से अलग से वैक्सीन ख़रीद लें, पर केंद्र सरकार ने उनको भी अपने नियंत्रण में रखा हुआ है. केंद्र सरकार ने इस बात पर नियंत्रण लगाया हुआ है कि हम किसी निजी कंपनी से कितनी वैक्सीन खरीद सकते हैं. हम केंद्र सरकार से सिर्फ़ यह कहना चाहते हैं कि हमारे यहाँ हालात चिंताजनक हैं और उन्हें इस मुसीबत का सामना करने के लिए कुछ गंभीरता दिखानी चाहिए.”

महाराष्ट्र सरकार ने भी कोरोना वैक्सीन की पाँच करोड़ डोज़ के लिए एक ग्लोबल टेंडर निकाला था, जिसका उन्हें कोई जवाब नहीं मिला. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने मंगलवार को प्रेस से बातचीत में कहा कि राज्य सरकार को अपने ग्लोबल टेंडर पर कोई जवाब नहीं मिला.

सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी लव अग्रवाल ने एक प्रेस वार्ता में कहा “चाहे मॉर्डना हो या फ़ाइज़र, हम इनके लिए केंद्र सरकार के स्तर पर योजना बना रहे हैं. दोनों ही कंपनियों के पास अपनी क्षमता से ज़्यादा वैक्सीन बनाने के ऑर्डर हैं. इसलिए भारत को वैक्सीन की कितनी आपूर्ति मिलती है, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि इन कंपनियों के पास भंडारण की क्षमता कितनी है?”

“ये कंपनियाँ इस बात की सूचना केंद्र सरकार को देंगी और फिर हम राज्य सरकारों तक इन टीकों को पहुँचाने के सारे इंतज़ाम करेंगे.”

भारत सरकार लगातार वैक्सीन निर्माता कंपनियों से डील करने की कोशिश कर रही है. जबकि अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय संघ ने इन कंपनियों के साथ अपने देशों में टीकाकरण अभियान चलाने से पहले ही समझौता कर लिया था.

भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर फ़िलहाल अमेरिका के दौरे पर हैं. यह उम्मीद की जा रही है कि इस दौरान वे अमेरिका के वैक्सीन निर्माताओं से मुलाक़ात करेंगे. फ़िलहाल सब की उम्मीदें इन संभावित मुलाक़ातों पर टिकी हुई हैं.

अगर राज्य सरकारों के ग्लोबल टेंडर के द्वारा वैक्सीन खरीदने की योजनाओं पर कोई सकारात्मक क़दम नहीं उठता, तो भारतीय लोगों को कोरोना की वैक्सीन के लिए फ़िलहाल इंतज़ार ही करना होगा.

भारत में कोरोना वैक्सीन का गहराता संकट : विदेशी दवा कंपनियों ने राज्यों को सीधे टीके देने से मना किया,केंद्र को सीधे टीके देने को कहा Reviewed by on . नई दिल्ली- भारत में कोरोना महामारी को रोकने के लिए चलाया जा रहा टीकाकरण अभियान अब धीमा पड़ गया है.केंद्र सरकार ने पिछले महीने ही राज्यों को 18 साल से 44 साल तक नई दिल्ली- भारत में कोरोना महामारी को रोकने के लिए चलाया जा रहा टीकाकरण अभियान अब धीमा पड़ गया है.केंद्र सरकार ने पिछले महीने ही राज्यों को 18 साल से 44 साल तक Rating: 0
scroll to top